मोह-माया से बचें-जहां मोह होगा...माया उस तरफ ही जायेगी !
जहां मोह होगा.... माया उस तरफ ही जायेगी, इसलिए मोह और माया से बचें, न मोह होगा-न माया जायेगी ! मोह से मुक्त हों...माया से मुक्त हों, जो हिस्से का है, हिस्से में जरूर आएगा...., पर इसके लिए आपको अपने दायरों से बाहर निकलना होगा, अपने बंधनो से मुक्त होना होगा, अपने सारे बंधन खोल दें ! मोह हमेशा नुक्सान पहुंचाता है, मोह से मुक्त होंगें तभी उन्मुक्त हो पायेंगें, आपका मोह आपके पास की माया को आपके पास नहीं टिकने देता, आपकी माया आपके मोह की बलि चढ़ जाती है, इसलिए माया तभी टिकेगी जब किसी को पाने का, या किसी के खो जाने का मोह आपके जीवन में नहीं होगा.....! यही सत्य है, यही शिव है, यही सुन्दर भी है, इसलिए मोह-माया से बचें.....!