कल कभी नहीं आता....अगले दिन फिर वो आज बन जाता है कल नहीं रहता !
कल कभी नहीं आता, और बहुत गौर करने के बाद मैंने पाया की यह बात बिलकुल सही है क्योंकि अगले दिन फिर वो …. आज बन जाता है कल नहीं रहता, इसलिए मेरा मानना है की हम सिर्फ आज में जियें, आज हम क्या कर सकतें हैं और क्या नहीं.....! आप बस इतना करना की सिर्फ आज के लिए में यह नहीं करूँगा.....! किसी दूसरे के शब्दों के खंजर से अपनी मुस्कान की हत्या, अपने वाणी के बाणों से दूसरे को जख्म, अपने आने वाले कल की चिंता, अपने बीते हुए कल पर चिंतन, अपने आंसुओं की कीमत का आंकलन, मैंने जो किया वह कितना सही था और कितना गलत उस पर मंथन, न किसी का मुझसे दिल दुखे और न ही अपने दिल पर कोई दुःख या बोझ रखूँ, क्या करूँ, क्या न करूँ, क्या सही क्या गलत इन बातों को सोचने में अपना समय बर्बाद, मुझे आज कौन सा दुःख है, कौन सा दर्द है उसकी लंबी चौड़ी लिस्ट से मुक्ति ! और बस सिर्फ आज के लिए में यह करूँगा.....! अपने शब्दों में सयम रखूँगा, जितनी जरुरत है उससे दो शब्द कम ही बोलूँगा, इस क्षण में जीऊँगा, दूसरे को सुनने की कोशिश करूँगा बजाए बोलने में अपनी ताकत बर्बाद करने में, जो मेरे सामने है