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Showing posts from April, 2018

सदा समय को समय दें...... समय के साथ न भी चल सकें तो समय को अपने साथ चलने दें !

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अपने अंदर प्रयास को हमशा जीवित रखना, प्रयास यानी की आपके अंदर की आस.....जी हाँ , आस  एक मुस्कान की , आस एक रोशनी की, आस एक सवेरे की, आस एक  ख़ुशी की और आस एक सफर की और आस एक और प्रयास की और यह तभी मुमकिन है जब  तक की  प्रयास की जड़ें आपके अंदर जिन्दा हैं ! बाहर से आस की कोपलें चाहे मुरझा भी गईं हों, पर अगर प्रयास की जड़ मजबूत है, कायम है, तो एक दिन उम्मीद की कोपल जरूर फूटेगी ! सफलता, मंजिलें , खुशियां, रोशनी मात्र एक दिन में नहीं  मिलती, मात्र इन्तजार से नहीं मिलती , यह एक निरंतर किए गए  प्रयासों का, एक निरंतर चलने वाले सफर का-परिणाम है , इसलिए कुछ पाना है और किसी मंजिल तक जाना है तो भागिए, नहीं भाग सकते तो जरा चलिए , चल नहीं सकते तो थोड़ा रेंगीए.....पर अपना सफर जारी रखिये धीरे धीरे ही सही पर चलिए !  सदा समय को समय दें......, समय के साथ न भी चल सकें तो समय को अपने साथ चलने दें, समय आपके साथ चलते-चलते आपको समय जरूर देगा....बस जरा इन्तजार करिए !

आप भी अच्छे वक्ता बन सकतें हैं....!

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आप भी अच्छे वक्ता बन सकतें हैं , किसी भी अच्छे वक्ता की ताक़त हैं : १) अगर कुल्हाड़ी की धार तेज करने में आपने लम्बा समय लिया है तो किसी भी पेड़ को काटने में आपको कुछ ही मिनट लगेंगें, उसी तरह किसी भी topic पर presentation  को देने से पहले अगर आपका अभ्यास और उसकी तैयारी पूरी है तो उसी पर आपके presentation की सफलता निर्भर करेगी! आपका पेपर वर्क पूरा है तो आपका कॉन्फिडेंस पुरे presentation के दौरान बना रहेगा और यही कॉन्फिडेंस आपके पर्सेन्टेशन को सफल बनाएगा!  २) श्रोताओं की नब्ज को पुरे प्रेजेंटेशन के दौरान पकडे रहें, उनको अपने topic में इन्वॉल्व करें उनकी भागीदारी वो भी पुरे दिल से की गई भागीदारी पर ही आपके presentation की सफ़लता निर्भर करेगी !  ३) अपने presentation के दौरान कुछ न कुछ एक्सपेरिमेंट करते रहे, लोगों को बांधें रखने के लिए आप कुछ नया कर सकतें हैं जैसे-presentation की शुरुआत में लोगों को बता दें की इस presentation में छिपे हुए कुछ प्रश्नों के जवाब आपको देने हैं जो आप उनसे   presentation  के आखिर में पूछेंगें और हर सही जवाब पर उनको एक surprise गिफ्ट मिलेगा ! लोग पुर

समय चलता रहता है निरंतर एक नदी की तरह !

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हर समय एक सा नहीं होता.....हर समय अगर अच्छा नहीं होता तो बुरा भी ज्यादा देर  तक नहीं रहता.....और यही वह समय होता है जब हमारे धीरज की असली परीक्षा होती है, बहुत सी बार हम कठिन परिस्थितियों में लगभग-लगभग टूटने की स्थिति में पहुँच जातें हैं और इस समय तीन बातों को हमेशा याद रखना चाहिए, मुमकिन ही नहीं सुनिश्चित है की बुरे समय की कोई बड़ी दुर्घटना टल जायेगी ! यह तीन बातें हैं: १) याद करें अपने भगवान, अपने इष्ट देवता को..... प्राथना करें की वो आपको, इतनी ताकत दे की आप अपने और अपनों के काम आ सकें ! २) अपने अच्छे समय को याद करें, जी हाँ कभी आपका समय अच्छा भी था, और आगे भी अच्छा होगा, आज नहीं, तो कल  होगा ! ३) याद करें उन लोगों को जिनकी समस्याएं आपसे बड़ी हैं, जिनकी कठिनाइयां, परेशानियां  तूफान की तरह हैं फिर भी वह कायम हैं एक मजबूत चट्टान की तरह, फिर आप क्यों नहीं कायम रह सकते, अपने आप पर सदा विश्वाश रखें ! ध्यान रखना समय चलता रहता है निरंतर एक नदी की धारा की तरह, धारा के विपरीत चलने की बजाय उसके साथ उसकी दिशा में ही चलें, व्यर्थ प्रयास न करें, समय के बदलने का,

सफल व्यक्तियों की सफलता के सफल सूत्र !

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सफल व्यक्तियों की सफलता के सफल सूत्र : १) अपनी वाणी में सयंम रखें,  जितनी जरुरत हो उतना ही बोलें ! २) दूसरों को सुनने की आदत डालें ! ३) आप सर्व-ज्ञानी हैं, इस विचारधारा का तुरंत त्याग करें ! ४) जिम्मेदारी उठाएं, उनसे भागें नहीं ! ५)  आप कर सकतें हैं, अपने अंदर इस बीज को आज से, अभी से विकसित करें ! ६)  मुस्कुराएं, दुःख व दर्द चरम पर हो तब भी, और मुस्कराहट ही  लोगों में बाँटिये   !  ७) जो भी करें अपना सौ प्रतिशत लगा कर करें ! ८) जो तुम पाना चाहते हो वो पहले दूसरों को दें, सम्मान चाहिए तो सम्मान दें ! ९) अपने से बड़ों का आदर करें, बुजुर्गों का सम्मान करें ! १०) अपने परिवार को, अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें वही आपकी असल पूंजी है ! ११) अभिमान से बचें , पर मान कायम रखें ! १२) किसी को चोट न पहुंचाएं, न शब्दों से न ही अपने कर्मों से ! १३) अपने परिवार को अपनी ताकत बनाएं, उसको एक सूत्र में बांधे रखें ! १४) एक लीडर की तरह अपने परिवार का, अपनी टीम का नेतृत्व करें और सफलता का श्रेय अपनी टीम को दें ! १५) आप तभी सफल हैं ,अगर ऐसा आप सोचते हैं कोई  दूसरा नहीं ! सफल

सदा अपना ध्यान सफर के आन्नद में रखिये न की milestones पर, मंजिल का आन्नद दुगना हो जाएगा !

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सफ़र करते वक्त आप पाओगे की ज्यादातर लोगों का ध्यान रास्तों के milestone पर ही अटका होता है..... की सफ़र कब पूरा होगा? सफ़र कितना बचा है? सफ़र कितना निकला है? इत्यादि-इत्यादि.....जी हाँ अक्सर आप यह अपने आस-पास या फिर अपने साथ भी ऐसा होता हुआ पायेंगें !  तो समय है अब इससे बाहर आने का, अपनी इन आदतों से बाहर निकलने का......! बजाए सफ़र का आनन्द लेने के, हममें से ज्यादातर लोग सफ़र को एक बोझ की तरह लेतें हैं और रास्ते में आने वाली नजारों व उनसे मिलने वाले आन्नद से सदा वंचित रह जातें हैं, सिर्फ और सिर्फ अपने सफ़र को जैसे-तैसे काटने के रवये के कारण ! ठीक यही हाल हमारे जीवन का भी है......हममें से जादातर लोग उसको जैसे-तैसे काट रहें हैं बजाए उसको मुक्त हो, उन्मुक्त होकर जीने के !  हम अपने जीवन के सफ़र में आने वाली, घटने वाली खुशियों का उत्सव मनाने की बजाए उनके निकलने के बाद उसको तलाश रहें हैं, और जब कभी कोई कठिनाई हमारे जीवन में आती है तो समपर्ण कर सफ़र शुरू करने से पहले ही हार मान लेतें हैं ! जिन्दगी के सफ़र में आने वाले milestones यानि पड़ावों का व्यर्थ ही analysis करने और उनमें उ