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Showing posts from January, 2019

"न" बोलना सीखिए..."न" बोलना कठिन जरुर है पर नामुमकिन नहीं !

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गन्ने की स्थिति अगर आपने गन्ने का रस निकालने वाली मशीन में देखी होगी, तो देखा होगा की एक बार दुकानदार उसको इधर से डालता है और उधर को निकलता है, फिर तीन- चार बार इसी तरह से करता है और गन्ने की इक इक बूंद निचोड़ डालता है...., फिर भी वह यहीं पर नहीं रुकता उसको twist कर फिर दुबारा से मशीन में डालता है ताकि बचा-खुचा रस भी उसमें न रहा जाए और यह भी वह एक बार नहीं दो-तीन बार करता है, यानी गन्ने की अंतिम बूंद भी निकाल वह उसको उसके अंजाम यानी dustbin में डाल फेंकता .... ! जी हाँ,   कहीं आप भी अपने जीवन में किसी न किसी रूप में गन्ने की भूमिका में तो नहीं हैं, जरा सोचिए और गौर कीजिये....! यक़ीनन गन्ने के साथ एक समस्या थी और कहीं आप भी उस समस्या का शिकार तो नहीं हैं, और वह समस्या यह थी की गन्ने को ”न” कहना नहीं आता था, चूँकि वो बोल नहीं सकता था इसलिए पिसता रहा अपनी आखरी बूंद तक......पर जनाब, आप इंसान हैं आप बोल सकतें हैं, भगवान ने आपको एक खूबसूरत जीवन दिया है, आपको दो-हाथ और चलने के लिए दो पाँव दिए हैं तो क्यों फिर हम घुटने के बल चलें, पर हम में से ज्यादातर लोग “न” कहना नहीं जानते या फ

सपने देखना आसान है.....किन्तु सपनों को हकीकत की कैनवास पर उतारना उससे भी कहीं ज्यादा आसान है !

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अगर ऊँचा मुकाम पाना है तो सपने देखिये....., और मुकाम को वाकई में हासिल करना है तो सपनों को हकीकत में बदलिए...., सपने देखना आसान है किन्तु सपनों को हकीकत की कैनवास पर उतारना उससे भी कहीं ज्यादा आसान है..., जी हाँ , बिलकुल सही पढ़ा आपने सपनों को हकीकत में तब्दील करना बहुत आसान है...क्योंकि सपनों में दिखी चुनौतियां असल में हकीकत में हमारे सामने आती ही नहीं हैं और बिना वजह उनके लिए हमें परेशान होने की जरुरत रत्ती भर भी नहीं है ! सपने देखना हमारे विकास के लिए बहुत ही जरुरी है क्योंकि यही वह हैं जो हमें चलने या आगे बढने के लिए प्रेरित करतें हैं, सपने हैं...तभी हमारी यात्रा है नहीं तो जीवन में विराम है, सपने हैं जो हमें सफलता के लिए प्रेरित करतें हैं, सपने हैं तभी हमारी प्रगति है, इसलिए सपने जरुर देखिये और सपनों को अपनी हकीकत बनाइये और जो आपकी हकीकत है वही आपके सपने भी हों ! सपनों में आपने अपने लिए जो चुनोतियाँ चुनी है, उनको हकीकत में आसानी से पूरा किया जा सकता है इसके लिए बस जरुरत है इन बातों को ध्यान में रखने की: 1)            “आप कर सकतें हैं” की सोच विकसित करें, 2)  

शब्द जीवन की अगर पतवार हैं, तो शब्द तलवार भी हैं !

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शब्दों का जीवन में बड़ा ही महत्व है-  शब्द आपके जीवन की अगर पतवार भी हैं तो शब्द तलवार भी हैं ! यह आप पर निर्भर करता है की आप इसका पतवार के रूप में इस्तेमाल कर अपने जीवन की नईया को किनारे लगाना चाहतें हैं या फिर इसका तलवार के रूप में इस्तेमाल कर या तो खुद शहीद हो जाना चाहतें हैं या फिर किसी और को शहीद बनाना चाहतें हैं, “शब्द” इस दुनिया का सबसे ताकतवर “शब्द” है जो आपके व्यक्तित्व को दर्शाता है, इसलिए कहा भी गया है पहले तोलो फिर बोलो, क्योंकि शब्दों के तीर एक बार तरकश से निकल गए तो वापिस नहीं लिए जा सकते, इसलिए इन तीरों का इस्तेमाल जरा संभल कर कीजिएगा, क्योंकि आप और आपका व्यक्तित्व इन्ही शब्दों की नींव पर टिका है, नींव जितनी मजबूत होगी इमारत भी उतनी ही मजबूत और सुंदर होगी ! शब्द..... अगर फूल की तरह हैं तो किसी को मुस्कान देंगें और अगर कठोर हैं पत्थर की तरह तो नुक्सान देंगें ! आप एक धागे के समान हैं और आपके शब्द - मोती समान, इनको जितना सलीके से आप एक-एक कर पिरोते जायेंगें तो आप पायेंगें की आपके सुंदर व्यक्तित्व की खूबसूरत माला आपके सामने होगी, जिसको हर तरफ से तारीफ़

यह इक दौर है....यह भी गुजर जायेगा !

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यह इक दौर है....यह भी गुजर जायेगा, जहाँ हमारा अच्छा समय बहुत समय तक अगर नहीं रहा तो बुरा वक्त भी बहुत समय तक नहीं रहने वाला, और अपने कठिन समय में कुछ बातों का ध्यान रखना- १)         हमेशा वर्तमान में जियें- यानी जो वक्त अभी है वही सत्य है, बाकी सब मिथ्या है: जो बीत गया उसे वापिस नहीं लाया जा सकता और जो होने वाला है उसको टाला नहीं जा सकता...तो व्यर्थ की भुत और भविष्य की चिंता से मुक्त हों, जिस चीज पर तुम्हारा कोई नियंत्रण ही नहीं है, उसे तुम किस तरह टाल सकते हो, और न ही टालने के प्रयास में अपनी दिशाओं और दशाओं को भटकाएँ, जहाँ हो जिस क्षण में हो उसका आनन्द लें, वर्तमान में जीने से बड़ा सुख और कोई नहीं है, अपने विचारों को विश्राम दें, उसे बिना वजह न भगाएं, मन-मस्तिष्क को वर्तमानं में रहने दें और समझें की “यह एक दौर है....यह भी गुजर जायेगा”! २)         हमेशा जैसे हैं वैसे ही बने रहें- बाहरी परिस्थितियों से अपना मूल कतई न छोड़ें: वक्त बड़ा ही बलवान है, परिस्थितियों के तूफ़ान आपके अपने रास्त अपने core   से भटकाने का प्रयास करेंगें, किन्तु आप मुश्किल समय में भी जैसे हैं

जीवन चलने का नाम......चलते रहो सुबह शाम !

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चलते हुए राही ने रास्ते से पूछा की मैं कब से चल रहा हूँ, तू ख़त्म ही नहीं होता.... रास्ते ने जवाब दिया-याद रख जिस दिन में ख़त्म हो गया-  तो तू चल भी न पाएगा  और न ही मंजिल  तक जाएगा,  याद रख जिस पर तू अब तक चल कर आया है वहां भी में ही था  और आगे भी तू जिस पर चल कर जाएगा वहां भी मुझे ही पायेगा....!  यानि चलना ही जीवन है , सदा  बहता हुआ पानी ही समंदर तक पहुँचता है,  रुका हुआ पानी तालाब बन जाता है और अपने मुकाम तक कभी नहीं पहुँच पाता,  इसलिए अगर अपनी मंजिल पानी है- तो सदा चलते रहें,  एक बहते पानी की तरह.....! जीवन चलने का नाम......चलते रहो सुबह शाम, मंजिल तक पहुंचने के रास्ते बहुत सी दफा बहुत लम्बे, कठिन और काँटों भरे होते हैं, लेकिन इसका मतलब कतई नहीं है की आप अपने सफर को विराम दें, इन कठिनाइओं और काँटों को अपने रास्ते से हटाते हुए आगे बड़े,  हमेशा एक बात को याद रखना की अगर आपकी मंजिल बड़ी है तो रास्ते भी बड़े ही होंगें, मंजिल का आनंद दुगना तभी होगा जब तुमने मुश्किलों से भरे सफर को पार किया होगा और रास्तों की चुनौतियों को स्वीकार किया होगा,  जिसने तुम्हें और मजबूत और ता

निरर्थकता से बचें.....और सार्थकता की और बढें !

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निरर्थकता से बचें.....और सार्थकता की और बढें ! निरर्थक सोच, निरर्थक प्रयास, निरर्थक महत्वकांक्षा, निरर्थक बहस, और निरर्थक जीवन से सदा बचें.... जी हाँ ईश्वर ने आपको सुन्दर काया और सोचने के लिए अद्भुत बुद्दि दी है-इसका सही और सार्थक उपयोग करें और दूसरों को भी खुशियाँ दें ! मानव जीवन सदा निरर्थकता से भरा हुआ है और यह आप पर निर्भर करता है की इसकी धारा को किस तरह आप दिशा प्रदान करते हैं, हमेश यह याद रखिये की आपके जीवन की डोर आपके ही हाथ में है बस जरुरत है उसको तूफानों और हवाओं के झोंकों से बचा कर सही रास्ता दिखाने की ! निरर्थक सोच, आपको हमेशा भटकाती रहेगी आप की स्थिरता को भंग करेगी जिससे आप अपने रास्ते से, अपनी रफ़्तार से अपनी actual ताकत से दूर होते चले जायेंगे, आप की सोच पर ही आप का सफर और सफर की सफलता निर्भर करती है, इसलिए सोच का सार्थक होना बहुत जरुरी है, मन को स्थिर रखें और मुश्किलों में भी सोच को सार्थक रखें, अत्यधिक चिंता से कुछ हासिल नहीं हो सकता, हमेशा ध्यान रखना की जीवन में नियान्वें प्रतिशत बातें जिनके लिए हम चिंतित होतें हैं या जिनसे हम डरते हैं वह कभी भी घट
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नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं... एक नई सुबह.... एक नई सोच....एक नया सवेरा...और फिर एक नया सफर,  सब बदलेगा-अगर खुद बदलोगे , किसी को बदलने की जरुरत नहीं अपने आप को बदलिए, सब नया सा लगेगा हर गलत चीज सही लगेगी, हर अंधेरों में उजाले की किरण दिखेगी और हर रात के बाद का सवेरा जरुर नजर आएगा....!  अगर सच्चे हैं, मन के साफ़ हैं तो आपको कतई भी किसे से डरने की, किसी के प्रमाण-पत्र की जरुरत नहीं है, बस अपना लक्ष्य  निश्चित रखें और अपना सफर जारी रखें ! अपने लक्ष्य पर नजर रखें, और अपनी नजरों में अपना लक्ष्य रखें, क्या खोया से ज्यादा जरुरी है की तुमने क्या पाया है, न खोने का गम करें...जरा उड़ने का प्रयत्न हम करें, रास्ते छोटे और मंजिल नजदीक लगेगी, भीड़ बहुत दिखेगी लेकिन भीड़ से हट कर चले, अपने आस-पास से कदापि भी विचलित न हों !  जीवन में हमेशा अपनी सोच, अपने रास्ते और अपनी मंजिल हमेशा नई रखें...और आगे बढ़ें !