Posts

Showing posts from December, 2018

किश्तियाँ समंदर में हों तो आगे ही बढ़ना...पीछे की तरफ वापसी ज्यादा लम्बी और कठिन होगी !

किश्तियाँ समंदर में  हों तो आगे ही बढ़ना...पीछे की तरफ वापसी ज्यादा  लम्बी और कठिन होगी !  आप एक सन्यासी नहीं …… ,  अपितु एक पारिवारिक व्यक्ति हैं, जिसका भरा-पूरा परिवार है- बच्चे हैं, पत्नी है, माता-पिता हैं, भाई-बहन हैं और आपकी पारिवारिक किश्ती एक बार जब समुन्दर में उतर गई, तो उसको पीछे की और मोड़ने या फिर बीच मंझधार में छोडना आपको कतई भी शोभा नहीं देता ! आपको अब आगे ही बढ़ना ही होगा अपने किनारे को पाने के लिए, अपने अपनों को मंजिल तक पहुँचाने के लिए, सफर के इस दौर का आन्नंद लें, इसमें भाग लें- न की इससे भाग लें ! कुछ न करना जितना कठिन है उससे कहीं आसान है कुछ कर गुजरना, इसलिए कुछ न करने का कठिन प्रयास न करें, धाराओं के विपरीत न चलें, बल्कि धाराओं के साथ चलें या फिर धारों को अपनी तरफ मोड़ने का जज्बा रखें, किनारे जरुर मिलेंगे ! आपकी नजर उतना महत्व नहीं रखती जितना की आपका नजरिया, कहा भी गया है- किश्तियाँ बदलने की जरुरत नहीं,   दिशाएँ बदलिए किनारे बदल जायेंगे, नज़ारे बदलने की जरुरत नहीं दोस्त,   बल्कि नजरिया बदलिए नज़ारे बदल जायेंगे ! सफर कठिन जरुर होगा, मुश्किल भी

जो आपके हिस्से का है, वो आपके पास दौड़ कर आएगा !

Image
जो आपके हिस्से का है, वो आपके पास दौड़ कर आएगा और  जो आपके हिस्से का नहीं है वो आपके दौड़ने पर भी आपके पास कभी नहीं आएगा ! कहने का मतलब यह है की  सरलता और सौम्यता के साथ जियें,  जो तुम्हारे पास है वही सिर्फ तुम्हारा है....उस क्षण  में भगवांन की दी हुई  उससे ज्यादा खूबसूरत चीज कुछ नहीं हो सकती, उसका भरपूर आनन्द  लीजिये और उस खुदा का शुक्रिया अदा करें जिसने आपको इस काबिल समझा जिसके आप हकदार हैं ! उसके पास यह, फलां के पास वो.... छोड़िये यह सब, दोस्तों जिंदगी इससे कहीं बहुत ऊपर है, अपनी छोटी से छोटी खुशियों का बड़े से बड़ा उत्सव मनाएं,  जो आपके पास  है वो किसी और के पास नहीं है , इसलिए दूसरों के पास क्या है उस पर ज्यादा गौर न करें और अपना सफर, अपनी मंजिल तक जारी रखें, बजाये बीच में भटकने के....! अपने जीवन को किसी भी चीज को पाने की चाहा में कभी भी जटिल न बनाएं, सरलता आपके जीवन का सबसे बड़ा हथियार हो जो किसी को घायल न करे बल्कि मिसाल क़याम करे, हमेशा ध्यान रखना  की इस संसार में  व्यक्ति की पूजा कभी नहीं होती लेकिन उसके व्यक्तित्व को सदा पूजा जाता है उसके साथ भी और उसके बाद भी, इसल