Posts

Showing posts from July, 2019

बचने वाले कभी नहीं बचते !

Image
बचने वाले कभी नहीं बचते, और जो बचना नहीं चाहते वह कभी नहीं फंसते, जी हाँ अगर फँसना नहीं चाहते तो बचने से बचें..., आप देखेंगें की जब-जब आपने बचने की कोशिश की होगी उतना ही आप अपने आप को दबाव में पायेंगें, फंसने का डर , कुछ खोने के डर-कुछ न पाने के डर से सदा घिरे हुए पायेंगें, बचने वाले कभी नहीं बचे और बल्कि बाकी लोगों की अपेक्षा जल्दी ख़त्म हो गए, इसलिए किसी चीज से बचने की चेष्टा की बजाए उसे कर गुजरिये....! जिन्होंने बचना चाहा अपने माँ-बाप के बुढ़ापे का सहारा बनने से, उन्हें अपने उम्र के आखरी पड़ाव पर सहारे के लिए सदा ही भटकना पड़ा, जिन्होंने बचना चाहा अपने को दिए गए कामों से उन्हें काम नहीं करने के अत्यधिक प्रयासों ने ही खत्म कर दिया, जिन्होंने बचना चाहा अपने बच्चों की जिम्मेदारी से उन्हें अपने बच्चों के बच्चों में ही उलझ कर अपनी दिशा और देश बिगाड़ ली ! बचने के प्रयास में आप जितना थकेंगें उससे बहुत कम प्रयास में आप किसी भी काम को अधिक आसानी और बिना दबाव के कर सकतें हैं ! जी हाँ यह प्रकृति का नियम है की अपने दिए गए कामों, अपनी जिम्मेदारियों से आप बच कर कभी नहीं निकल सक

शब्दों में ताकत है....इसलिए सफल जीवन का एक सूत्र-न्यूनतम बोली,अत्यधिक फ़ायदा

Image
शब्द बहुत ताकत रखतें हैं, उनमें बहुत वजन होता है , यह बहुत वजनदार होते हैं,  इसलिए उनको संभाल पाना हर किसी के बस का नहीं होता और यह आप पर है की आप शब्दों को सम्भालतें हैं या शब्द आपको.... और जो इनको नहीं संभाल पाते इसके शिकार जातें हैं और जो इनको म्यान में रखतें हैं वह मुकाम पा लेते हैं ! ताकत शब्दों में होती है.......तो शब्दों को अपनी ताकत बनाइये, शब्दों का सटीक और सलीके  से....किया गया इस्तेमाल  आपको अर्श तक पहुंचा सकता है, और इनका अत्यधिक, अनुचित और गलत किया गया इस्तेमाल आपको अर्श से फर्श तक पहुंचा सकता है ! जरुरी नहीं है की हर प्लेटफार्म पर आप अपनी राय दें,  जरुरी नहीं है की आप जरुरत से ज्यादा बोलें,   जरुरी नहीं है की शब्द आपके तलवार की तरह किसी पर वार करें,  जरुरी नहीं है की  आप बोल कर ही जीतें ,  जरुरी नहीं है की आप बोलें और हार जाएँ,  जरुरी नहीं है की आपके शब्द मिश्री की जगह नीम का काम करें, जरुरी नहीं है की आपके शब्द मौन से ज्यादा गूँजें, जरुरी नहीं है की आपकी गूंज आपको मौन कर दे, जरुरी नहीं है की आपके शब्द 'सब' हों बल्कि आपके 'बस&

दिमाग एक खाली पर अति उपजाऊ जमीं है....दिमाग को दोष न दें-विचारों की सकारात्मकता के बीज इनमें डालते रहें !

Image
दिमाग एक खाली पर अति उपजाऊ जमीं है.......,  जिस पर विचारों की कोई भी फसल तैयार हो सकती है और चाहे तो इस अति उपजाऊ दिमागी जमीं को आप बंजर भी बना सकतें हैं यह आप पर निर्भर करता है की जमीं का क्या हाल करना है, विचारों के बीजों की विभिन्न किस्में उपलब्ध हैं- सकारात्मक, नकारात्मक, अच्छे, बुरे, रचनात्मक, विध्वंसक यह सभी विचारों के अलग अलग किस्म के बीज हैं जिन्हे हम अपने दिमाग रूपी जमीं पर डालते हैं, लेकिन हमेशा यह याद रखना- की बेरी के पेड़ पर अनार कभी नहीं लगता, केक्टस के पौधे पर गुलाब कभी नहीं खिलता, यानी जिस तरह के विचार आप अपने अंदर बोएंगें वैसी ही आपकी सोच बनती जायेगी....और आप वैसे-वैसे ही बनते जायेंगें, यानी जमीं का कोई दोष नहीं,सबसे अहम है-बीज, आप कौन से और किस तरह के बीज अपने जीवन में चुनते हैं और अपने दिमाग रूपी जमीं को हरा-भरा रखतें हैं , सकारात्मकता के बीज डालिये और निश्चिंत हों जाएँ  ! अपना ज्यादातर समय हम जमीन को दोष देतें हैं, जमीं फलां थी, जमीं में कमीं थी लेकिन यही जमीन किसी को भरपूर फल देती है और किसी के लिए यह खर-पतवार से ज्यादा कुछ नहीं रह जाती- इसलिए अपना क्वा

जीवन में कठिन स्थितियां, कठिन परिस्थितियां.......पानी के एक बुलबुले के सामान हैं,

Image
जीवन में कठिन स्थितियां, कठिन परिस्थितियां.....पानी के एक बुलबुले के सामान हैं, जितनी-जितनी स्थितियां कठिन और गंभीर होती जाएँ, यानी जितना-जितना पानी का बुलबुला बढ़ता जाए तो समझ लेना की वह फूटने वाला है, बुलबुला शांत होने, बुलबुला कमजोर पड़ने वाला है, बुलबुला अपने  चरम पर है अब उसका अंत निश्चित है.....इसी तरह आपकी कठिन परिस्थितियां भी इस बुलबुले की माफिक हैं वह भी एक चरम के बाद आपके जीवन से सदा के  लिए जाने वाली हैं,तूफ़ान थमने वाला है,  आप एक शांत और शीतल जीवन की ओर कदम रखने वाले हैं ! मैंने अपने आप को बहुत  सी बार कमजोर पड़ते देखा  है और जब भी मैं कमजोरी की चरम पर होता हूँ यानी बुलबुला जब अपने व्यापक और विकराल रूप में होता है, तो अचानक स्थितियां बदलने लगती हैं, जीवन की हलचल शांत होने लगती है, जीवन के तूफ़ान.....थमने लगते हैं और जीवन-पथ पर आप एक नई शुरुआत की और अग्रसर हो रहे  होते हैं..... यही जीवन की सुंदरता और व्यापकता है ! जीवन जितना लम्बा, जितना व्यापक होगा कठिनाईयां भी उतनी ही जयादा और अधिक होंगीं......जैसे  सफर जितना लम्बा होगा,  बड़ा होगा - कांटें भी उतने ही अधिक और