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Showing posts from October, 2018

जिंदगी को कभी भी जटिल न बनाएं और न ही उसे जटिल बनने का मौका दें.....!

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जिंदगी में पंचानवे प्रतिशत बातें जिनको लेकर या जिनके लिए हम परेशान होते हैं और अपनी खुशियों को postponed करते जातें हैं - जिंदगी में वह बातें, वो चीजें आपके जीवन में कभी भी नहीं घटती.....कभी नहीं होती, कभी भी नहीं  ! कोई भी समस्या की गहराई और गंभीरता हमारी सोच पर निर्भर करती है, हमारी सोच किसी भी समस्या को बड़ा या गंभीर बनाती है,  समस्याएं जब शुरू होती हैं उतनी गंभीर,  परेशान करने वाली  नहीं होती, किन्तु हमारी नकारात्मक सोच उसको गंभीर बना देती है! आपकी सोच समस्या की आग में घी का काम भी कर सकती है और पानी का भी, निर्भर आप पर करता है की आग को आप बढ़ाना चाहतें हैं या फिर उस आग को विराम देना चाहतें  हैं, सदा अपने जीवन में अपनी सोच को शीतल और निर्मल पानी की तरह रखें......उसे हमेशा सकारात्मक रखें ! जिंदगी को कभी भी जटिल न बनाएं  और न ही उसे जटिल बनने का मौका दें.....! किसी भी परेशानी या समस्यों से निपटने का एकमात्र तरीका बस यही है की  उसमें   delay डालें, समय को समय दें, कुछ जख्म समय से भरतें हैं चाहे आप कितना भी जोर लगा लें, जो उसके लिए समय निश्चित है वह समय उसमें लगेग

देने का सुख... सबसे बड़ा सुख !

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जीवन में देने का सुख......दुनिया का सबसे बड़ा सुख ! जी हाँ देने के सुख से बड़ा कोई भी सुख नहीं है, आगे बढ़कर, अपनी मुट्ठी खोल कर, दिल खोल कर, बिना स्वार्थ  शुद्ध मन से दीजिये और उनको दीजिए जिनको वाक़ई में जरुरत है, भरा हुआ घड़ा कभी नहीं भरता, बल्कि उससे छलक कर अन्न-जल बर्बाद ही होता है, भरा हुआ पेट कभी भी अन्न का सम्मान नहीं कर सकता इसलिए उन्हें ही दीजिये जो जरुरतमंद हैं,  देने से कभी भी कोई चीज कम नहीं  होती बल्कि बढ़ती ही है- जी हाँ इससे बढ़ता है आपके अंदर का संतोष, आपका सुख, आपका आत्म-सम्मान, आपके अंदर की शांति- सुकून, आपकी तृप्ति, आपके संस्कार इसलिए दीजिये और न सिर्फ  समय  रहते दीजिए कहीं देने के सुख  से आप वंचित न रह जाएँ और समय निकल जाए, आप निकल जाएँ  ! जिनको किसी भी चीज की जरुरत है उन्हें वह जरूर और समय पर दीजिये अपना समय निकाल कर दीजिए : बड़ों को बुजुर्गों को- सम्मान और समय  बच्चों को, अपनों को- प्यार  टूटे हुए को-सकारात्मकता के बोल  रूठे हुए को- मीठे बोल, भूखे को- दो रोटी, निर्धन को- तन ढकने के लिए कपडे, अपने आप को- समय  अपने  चेहरे  को- मुस्कान, बहस को