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Showing posts from February, 2021

गुरुर से छुट जातें हैं पराये और हर अपने भी दूर होते हैं !

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"गुरुर"  दीवार को गुरुर था अपने वजूद का, सिर्फ एक 'पत्थर' निकला 'नींव' का और पूरी 'दीवार' हिल गई, पतंग को गुरुर था अपनी ऊंचाई का, अपनी उड़ान का , एक क्षण में डोर कटी और पतंग मिट्टी में मिल गई, बाँध को गुरुर था नदी को बाँधने का, रोद्र रूप धरा जब नदी के आवेग ने, बाँध पानी-पानी हो गया, नदी को गुरुर था अपने वेग का, अपने आवेग का , ज्यों ही समुंदर में मिली, अ स्तित्व उसका बेमानी हो गया ,  पेड़ को गुरुर था अपने तने का, अपने फूलों का अपने फलों का, किन्तु जब जड़ों ने साथ छोड़ा, पेड़ पूरी तरह धराशाई हो गया, रूपए को गुरुर था अपनी कीमत का, किन्तु जेब में धुलकर पाइ-पाई हो गया, व्यवहार बदल जातें हैं और शब्द चुभन देते हैं, गुरुर से छुट जातें हैं पराये और हर अपने भी दूर होते हैं, और विश्वास होता है जिनको अपनी जड़ों पर, अपनी  नींव पर, वहाँ ‘हम’ जीत जाता हैं और उनके क़दमों में ‘मैं’ चूर-चूर होते हैं....., अभिमान की किश्तियाँ अक्सर किनारों  पर डूब  जाती हैं,  मिल जातें हैं किनारे उनको जिनकी पतवार में नम्रता और विनम्रता का दम होता है   और  जब ‘गुरुर’ का 'र'  हटता है तब ‘

अपने दुखों की गठरी दूसरों पर थोपने से बेहतर, अपने दुखों का मुकाबला करें और अपनी ताकत अपने दुखों की गठरी को छोटा करने में लगाएं !

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यह कोई कहानी नहीं यह एक हकीकत है जो कभी न कभी हम सब क साथ घटी होगी या फिर घट रही होगी….! एक आदमी अपने घर से एक गठरी ले कर निकला, दिमाग में हलचल और चिंता 'आज इस  गठरी को किसी न किसी को दे कर ही घर आऊंगा' घर की सीढ़ियां उतरते हए उसके मन में बहुत सवाल थे जिसके जवाब उसे मिलेंगें या नहीं इसका उसे पता नहीं था, कार की पिछली सीट पर उसने अपनी गठरी रखी और कार स्टार्ट कर चल दिया, मुख्य सड़क पर आते ही एक ट्रैफिक पुलिस वाले ने उसकी कार को साइड में लगाने का इशारा किया, व्यक्ति ने कार साइड में लगाई  और पुलिस वाले से रोकने का कारण पूछा, 'अपनी गाडी के कागज दिखाओ'  "कागज़, वह तो मेरे पास नहीं हैं", पुलिस वाले ने आँखें दिखाते हुए कहा "तो जनाब गाडी से बाहर निकलिए और आगे  जाना चाहते हैं तो  पैसे निकालिए  ", व्यक्ति बोला लेकिन वो भी मैं ले कर निकलना भूल गया, हाँ....किन्तु  मेरे पास एक गठरी जरूर है उसको आप लेना चाहेंगें तो मैं आपको ख़ुशी-ख़ुशी दे दूंगा, मैं उसको देने ही निकला हूँ, पुलिस वाले ने इधर-उधर देखा  कहा "निकालो, जल्दी से पकड़ाओ इसे", गठरी बगल में दबाते हुए उस