यह इक दौर है....यह भी गुजर जायेगा !




यह इक दौर है....यह भी गुजर जायेगा, जहाँ हमारा अच्छा समय बहुत समय तक अगर नहीं रहा तो बुरा वक्त भी बहुत समय तक नहीं रहने वाला, और अपने कठिन समय में कुछ बातों का ध्यान रखना-

१)        हमेशा वर्तमान में जियें- यानी जो वक्त अभी है वही सत्य है, बाकी सब मिथ्या है:

जो बीत गया उसे वापिस नहीं लाया जा सकता और जो होने वाला है उसको टाला नहीं जा सकता...तो व्यर्थ की भुत और भविष्य की चिंता से मुक्त हों, जिस चीज पर तुम्हारा कोई नियंत्रण ही नहीं है, उसे तुम किस तरह टाल सकते हो, और न ही टालने के प्रयास में अपनी दिशाओं और दशाओं को भटकाएँ, जहाँ हो जिस क्षण में हो उसका आनन्द लें, वर्तमान में जीने से बड़ा सुख और कोई नहीं है, अपने विचारों को विश्राम दें, उसे बिना वजह न भगाएं, मन-मस्तिष्क को वर्तमानं में रहने दें और समझें की “यह एक दौर है....यह भी गुजर जायेगा”!

२)        हमेशा जैसे हैं वैसे ही बने रहें- बाहरी परिस्थितियों से अपना मूल कतई न छोड़ें:

वक्त बड़ा ही बलवान है, परिस्थितियों के तूफ़ान आपके अपने रास्त अपने core  से भटकाने का प्रयास करेंगें, किन्तु आप मुश्किल समय में भी जैसे हैं वैसे ही बने रहें अपने को विचलित न होने दें, अपने मन की डोर सदा अपने हाथ में रखें, उसे परिस्थितियों के हाथ की कटपुतली न बनने दें,क्योंकि जब आप अपने मूल को छोड़ दूसरा रास्ता अपनाने का प्रयास करते हैं तो वो सफर आपके लिए बहुत ही कष्टदायी होता है, और भटकाव के अलावा जिसका कोई अंजाम नहीं होता, इसलिए हमेशा जैसे हैं वैसे ही बने रहें- बाहरी परिस्थितियों से अपना मूल कतई न छोड़ें और समझें की “यह एक दौर है....यह भी गुजर जायेगा”!

३)        मुस्कुराएं- मुस्कराहट से ज्यादा ताकतवर कोई हथियार नहीं है:

जब दौर कठिन हो, जब तनाव चरम पर हो, जब अँधेरे घने हों, जब सफर खत्म न होने का नाम ले और मंजिल दूर तक न दिखाई दे-तो भी अपनी मुस्कराहट को जिन्दा रखना क्योंकि यह तुम्हे ही करना है , तुम्हारे लिए यह कोई और नहीं कर सकता ! मुस्कराहट में इतनी ताकत है की वह तुम्हारे हर तरह के बंधन खोल सकती है, और विपरीत समय में इससे ज्यादा ताकतवर हथियार तुम्हारे पास और कोई नहीं है ! मुस्कराहट को कठिन समय में अपना बेहतरीन हथियार बनाएँ और न सिर्फ हथियार बनाएँ इसका समय समय पर इस्तेमाल भी करें, विशेषकर कठिन परिस्थियों में, और समझें की “यह एक दौर है....यह भी गुजर जायेगा”!

वक्त....व्यक्त नहीं किया जा सकता- अच्छा या बुरा, यह सिर्फ और सिर्फ व्यक्ति की सोच पर निर्भर करता है, सोच सदा सकारात्मक रखें ताकि- वक्त, व्यक्त और व्यक्ति तीनों का मंगल हो !


Comments

Popular posts from this blog

आप या तो जीतते हैं या फिर सीखते हैं….हारते नहीं !

मन बहुत ही चंचल है इसे बांधें रखें, अपने काबू में रखें..और अपने बाकी बंधन खोल दें !

कल कभी नहीं आता....अगले दिन फिर वो आज बन जाता है कल नहीं रहता !