वक्त जैसा भी हो उसमें कायम रहें !

वक्त जबरदस्त है, जब निकल जाता है तो भी परेशान करता है, बार-बार वक्त निकलने और कुछ न कर पाने का गम का, ठीक इसी तरह अपना सही वक्त नहीं आने का दुःख...., जी हाँ यानी सही वक़्त निकल जाने का गम या फिर सही वक्त नहीं आने का गम....., यानी हर दम जीवन में एक बोझ....और वो भी वह बोझ जिसका जीवन में वास्तव में कोई कोई वजूद है ही नहीं....! वक्त जैसा भी हो उसमें कायम रहें, अगर सही नहीं भी है तो भी अपने को कायम रखें क्योंकि वक्त का बदलना तय है, कब और कैसे यह वक्त की कोख में है, बस इंतज़ार करिए न रुके......न भागे, यही जीवन है.....! जिंदगी के सफर में कभी जीत होगी तो कभी हार भी, कभी खुशियां होंगी तो कभी गम भी पर में भी विचलित या भटकने से बचें, क्योंकि जितनी सांसें भगवान् ने तुम्हारी लिखीं हैं ...