जिंदगी, तू काश एक परिंदे सी हो...पंख खोलूं तो उड़ान हो, नजर सदा जमीं पर रहे और मंजिल-मेरी आसमान हो !
जिंदगी बहुत बेशकीमती है, एक खूबसूरत दिया हुआ तोहफा है ईश्वर का-आपको...इस जीवन का सम्मान करें और इसको खुलकर जियें, एक आजाद पंछी की तरह-जिसकी उड़ान का कोई दायरा नहीं, न उसमें ऊंचाई का कोई बंधन, एक उन्मुक्त- एक अनंन्त उड़ान, न मंजिल की चाहा न कुछ खोने का गम !
एक परिंदे की तरह अपने सफर के हर पल का आनंद लीजिये.....सिर्फ यही क्षण के आप मालिक हैं, सिर्फ यही क्षण आपका है-जो बीत गई, सो बात गई, और जो आने क्षण आने वाला है उस पर तुम्हारा कोई अधिकार नहीं, सिर्फ और सिर्फ यही क्षण तुम्हारा है !
जिंदगी, तू काश एक परिंदे सी हो....पंख खोलूं तो उड़ान हो, नजर सदा जमीं पर हो और मंजिल....और मंजिल -मेरी आसमान हो !
जब हमारे सामने खुशियाँ होती हैं तो हमारे पास वक्त नहीं होता, और जब हमारे पास वक्त होता है तो हम खुशियों का आनंद लेने के काबिल नहीं होते.....वक्त हाथ से निकल गया होता है!
अगर आप गौर से देखें तो पायेंगें की आपके आस-पास सब है, बस जो नहीं है वो है आपकी इच्छाशक्ति की कमीं जो आपको इस क्षण का आनंद लेने से रोकती है, जहाँ "सब" होता है वहां "बस" की कहीं जगह नहीं होती, जिंदगी को मस्त होकर जियें,
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