अपनी ऊर्जा को सही दिशा और दशा दें और ऊर्जावान बनें !

तुम्हें आगे बढ़ते और सही राह पर चलते हुआ देख बहुतों को यह तकलीफ हो सकती है की यह इस रास्ते पर, सही रास्ते पर क्यों है, इस मुकाम पर क्यों है ! यह हर काम सही तरह से कैसे कर पा रहे हैं, सबके विश्वासःपात्र क्यों है ?

सबसे बड़ा दुःख.... मेरा दुःख, 

नहीं जनाब, उसका छोटा सा सुख......मेरा सबसे बड़ा दुःख !

यही विडंबना है.... इस जीवन की !

तकलीफ सबसे बड़ी यह  कि मेरा हाथ......मेरा साथ खाली, तो इसकी झोली भरी हुई कैसे !

हममें  से ज्यादातर लोग अपनी सारी ऊर्जा, दूसरे कुछ हासिल न कर सकें इसमें लगा देतें हैं , बजाये इसके की खुद कुछ हासिल करने का प्रयास करें ! हम जितनी ऊर्जा दूसरे को पीछे और नीचे  खींचने में लगाते हैं, मेरा दावा है की इस ऊर्जा का मात्र दस  प्रतिशत भी अगर हम अपने को आगे ले जाने में लगायें तो दुनिया की कोई भी ताक़त  हमें एक सम्मानिए मुकाम  तक पहुंचने से नहीं रोक सकती, यह निश्चित है !

ध्यान रहे एक अणु का छोटा सा कण कुछ भी कर सकता है......... परमाणु के  सदुपयोग से जिस तरह हम बिजली का उत्पादन भी कर सकतें हैं और चाहें तो  परमाणु विस्फोट कर विनाश भी, यह आप पर और सिर्फ आपकी सोच पर है कि आपको क्या चाहिए ......... आपकी ऊर्जा की सही दिशा ही आपकी आने वाली दशा का निर्माण करेगी !

आपके अंदर ऊर्जा का प्रचूर भंडार है,  जर्रूरत है उसको सकारात्मक दिशा देने की! यह सोचने कि बजाए कि दूसरों के पास क्या है, आपके पास जितना है उससे संतुष्ट हों ! सकारात्मक सोच रखें, ऊर्जा स्वतः ही उस दिशा कि ओर चलेगी !

अपनी ऊर्जा को सही दिशा और दशा दें ....सकारात्मक सोच रखें और ऊर्जावान बनें !



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