रिश्तों में सफल होने के सरल व महत्वपूर्ण नियम....!


रिश्तों में सफल होने के सरल व महत्वपूर्ण नियम:
१)  भगवान से प्राथना करें की मुझको इतनी ताकत देना की-मैं अपने और अपनों के काम आ सकूँ ! 
२)    रिश्तों को दिल से निभाएं , दिमाग से नहीं !
३)  हमेशा बहस से बचें, बहस अनंत है......और उसक निष्कर्ष सिर्फ और सिर्फ शून्य से ज्यादा कुछ भी नहीं है !
४) जितना जरुरी हो उतना ही बोलें, जरुरत से ज्यादा बोलना रिश्तों की सेहत के लिए नुकसानदायक है !
५)   अपने शब्दों का चयन सोच समझ कर करें, वाणी में सयंम रखें,  तब भी जब किसी की बात आपको चोट पहुंचाए !
६)  आपकी भावना आहत न हो जब आप इसका विशेष ध्यान रखतें हैं, तो इस बात का भी ध्यान रखें की दूसरे की भावना भी आहत न हो !
७)  सामाजिक बनिए, लोगों के लिए, मित्रों के लिए जरुर काम करिए-पर रिश्तों की कीमत पर नहीं, सामाजिक बनने से पहले पारिवारिक बनिए, अपनों के बनिए और अपने रिश्तों को जिम्मेदारी के साथ निभाइए !
८)  अपने फायदे के लिए रिश्तों का इस्तेमाल न करें, कुछ चीजें निस्वार्थ निभाई और की जाती हैं, रिश्ते उनमे से एक हैं  !
९)     रिश्तों में मज़ाक की सीमा और शब्दों की मर्यादा का ध्यान रहे, अति हर चीज की बुरी होती है….!
१०) आप जैसा व्यवहार अपने साथ चाहतें हैं, वैसा ही दूसरों के साथ करिए क्योंकि जैसा आप बोते हैं, वैसा ही फल पातें हैं !
११) अपने से, आगे से होकर अपनों के लिए काम करें, मन से काम करें, मुस्कुराते हुए काम करें !
१२)   रिश्तों में कोई छोटा या बड़ा नहीं होता, किसी को भी नीचा दिखाने का प्रयास कभी न करें !
१३) रिश्तों में देने का बहुत महत्व है- दीजिए अपना समय, अपना प्रेम, अपनी मुस्कान, और अपनापन, प्रीत से सींचें गए हर रिश्ते का फल मीठा होता है !
१४)  रिश्तों के महत्व, अपनेपन और उनको निभाने के संस्कार अपने बच्चों में जरुर डालें, ताकि रिश्तों की महक अगली पीढी में भी कायम रहे !
१५)  रिश्ते बनाना आसान है लेकिन उनको निभाना कठिन है, इसलिए कठिन काम पहले करिए बजाए आसान काम के, रिश्ते की अधिक मात्रा से ज्यादा जरुरी है.....उनमें गुणवत्ता अधिक हो, अपनापन अधिक हो  !





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