ताकतवर बनना है तो निभानी होगी- दी गई और ली गई जिम्मेदारी....जिम्मेदारी ताकत को बढ़ाती है !
अगर आपको ताकतवर बनना है तो बस एक काम करिए.......
जो भी ज़िम्मेदारी, आपको दी गई है या आप द्वारा ली गई है उसको पूरी
तरह निभाएं, अपना सौ प्रतिशत लगाकर दी गई और ली गई जिम्मेदारीको मुस्कुराते
हुए पूरा करें !
ज़िम्मेदारी, ताकत को बढ़ाती है.......क्योंकि जितनी ज्यादा आप ज़िम्मेदारी उठाते हैं, उतना ज्यादा ही आप अंदर से मजबूत होते हैं, आपका आत्मविश्वास बढ़ता है, आप को हर काम आसान लगने लगता है और आप काम को बोझ न समझ उसका आनंद लेना शुरू कर देतें हैं, और यही से आपके ताकतवर बनने का सफर शुरू होता है !
आप दूसरों से अलग दिखने लगते हैं, हर किसी को आपकी जरुरत महसूस होने लगती है, आप हर जगह ढूंढे जातें हैं....... आपकी demand बढ़ जाती है, आपके बगैर कोई काम करने से पहले सोचा जाता है क्योंकि आप अपनी ज़िम्मेदारी पूरी तरह से पूरी करते हैं, क्योंकि आप दूसरे की उम्मीद से ज्यादा अपना output देतें हैं......जी हाँ, आप ताकतवर है, क्योंकि आप ज़िम्मेदार हैं !
ज़िम्मेदारी ताकत को कैसे बढ़ाती है ?
- जब आप पर कोई विश्वाश कर आप को कोई काम
या task देता है, तो यह आपके आत्मविश्वास को बढ़ाता है कि लोग आप पर विश्वास कर रहे हैं की आप यह काम कर सकतें हैं और उस विश्वास पर जब आप खरे उतरतें
हैं तो आप और ताकतवर बन चुके होतें है, अपनी और औरों की नज़र
में !
- जब आपको अलग-अलग तरह की ज़िम्मेदारी सौंपी जाती है या different-different nature के task दिए जातें हैं, तो आप उनको पूरा करने की लिए अलग-अलग तरीके सोचते और तलाशते हैं, और पुरानों के साथ-साथ नए रास्तों पर चलतें हैं, तरह-तरह के लोगों से मिलते हैं अपने existing सम्पर्कों का इस्तेमाल
करतें हैं और नए संपर्कों को ढूँढ़ते हैं, और यहीं से आप अपने अधिक
सम्पर्कों और नए तरीकों का इस्तेमाल कर
अपने को और मजबूत बनाते है....और ताकतवर बनाते हैं !
- ज़िम्मेदारी को पूरी तरह से निभाने
के उपरान्त आपको एक आत्मसंतुष्टि का एहसास होता है, जो की आपको और शांत और निर्मल करता है, जिससे आप अपने निर्णय और बेहतर तरीके से ले सकतें हैं जो किसी और से कहीं
ज्यादा बेहतर होते हैं, जो आपको और मजबूत बनाते हैं !
- लोगों के लिए, अपने लिए, अपने परिवार के लिए आप कुछ कर रहें हैं, कुछ निभा रहें हैं और उनको कुछ दे पा रहें हैं- अपना समय, अपनी ताकत........आप उनकी ताकत हैं और यही आपकी भी ताकत है....क्योंकि आप
ज़िम्मेदार हैं !
- ज़िम्मेदारी से भागिए नहीं, किसी कार्य से कभी भागिए मत बल्कि उसमें भाग लीजिए, मुस्कुराते हुए challengeको, मुश्किलों को, अपनी ज़िम्मेदारी को accept कीजिए…..कर्म से कभी कोई कमज़ोर नहीं बनता, पर नहीं करने के
बहाने तलाशते-तलाशते खत्म हो जाता है, कमज़ोर हो जाता है अपनी और दूसरों की नज़र में भी, इसलिए ज़िम्मेदारी से भागिए नहीं, उसमें भाग लीजिए और ताकतवर बनिए !
जिस दिन कोई आप से यह कहे की आप ही यह
काम कर सकतें हैं, तो समझ लेना की आप ने ज़िम्मेदारी निभाने की कला सीख ली
है, और आप ताकतवर बन चुकें हैं, बस जरुरत है उस ताकत को कायम रखने की और सही दिशा में रखने की......!
जिम्मेदारी निभातें रहें और अपनी ताकत को
बढ़ाते रहें यही जीवन है...... एक बहती नदी के सामान जिसमें लहरें भी हैं और शांत
धाराएँ भी.....जीवन भी है और ज़िम्मेदारी भी, बस चलते रहिए अपनी मंजिल को पाने के लिए और औरों को मंजिल तक पहुँचाने के
लिए !
काम भी उन्ही लोगों
को या जिम्मेदारी भी उन्हीं लोगों को दी जाती है जो इसको उठाने व निभाने के काबिल
होते हैं, आप भी वैसे बनिए, जरा हट कर चलेंगे.....तो दुनिया हटा कर देखेगी !
ताकतवर बनना है तो
निभानी होगी- दी गई और ली गई ज़िम्मेदारी...... ज़िम्मेदारी ताकत को बढ़ाती है
!
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