प्रीत बांटिये.....जो बंटने से कम नहीं होती, और जब बंटता है प्यार.....तो किसी की आँखें नम नहीं होती !
द्वेष बांटोगे तो, दोस्त कम होंगे....,
वैर बांटोगे तो, रिश्ते कम होंगे....,
सपने बांटोगे तो, हकीकत में कम होंगे....,
नक़ल बांटोगे तो, असल में कम होंगे....,
दर्द बांटोगे तो, मुस्कान कम, ज्यादा गम होंगे....,
दुःख बांटोगे, तो सुख कम होंगे....!
तो मेरे दोस्त बांटना है तो प्यार बांटिये.....वो ऐसी
चीज है जो बांटनें से कम नहीं होती,
और जब बंटती है, तो किसी की भी आँखें कभी नम नहीं होती !
और जब बंटती है, तो किसी की भी आँखें कभी नम नहीं होती !
प्यार आपके भीतर का वह गुण होना चाहिए जिसको आपको किसी को दिखने की जरुरत न पड़े,
वह स्वतः ही औरों को नजर आए, उसको जताने का, उसको बताने का आपको अलग से जाकर प्रयास न करना पड़े !
वह स्वतः ही औरों को नजर आए, उसको जताने का, उसको बताने का आपको अलग से जाकर प्रयास न करना पड़े !
जब भी मन
कुछ बांटनें का करे तो प्यार बांटिये.....उसका स्वरुप कुछ भी ,कैसा भी हो सकता है, कहीं भी हो सकता है जैसे :
गरीब
बच्चों को महीने में एक बार जाकर खाना खिला दीजिए या फल बंटवा दीजिए,
बुजुर्गों को नए कपडे दे दीजिए,
छोटे बच्चों को कापी-किताबें दे दीजिए,
गोशाला जाकर
चारा दान कर दीजिए,
अस्पताल जाकर एक दिन मरीजों को खाना व फल खिला दीजिए.... इत्यादि-इत्यादि !
प्यार बाँट कर तो
देखिये....जबरदस्त है, किसी भी रूप में,
प्यार जब बंटता है तो मन प्रसन्न होता है, देने वाले का भी और लेने वाले का भी,
एक सुकून देता है बांटने का सुकून और बनता है एक नया रिश्ता गेरों से अपना सा !
प्यार जब बंटता है तो मन प्रसन्न होता है, देने वाले का भी और लेने वाले का भी,
एक सुकून देता है बांटने का सुकून और बनता है एक नया रिश्ता गेरों से अपना सा !
जब तुम प्यार से सरोबार होते हो तो इन्तजार होता है सभी
को तुमसे कुछ पाने का, तुमसे कुछ मिलने का.......तुममें खो जाने का,
आपका परिवार आपकी प्यार की नींव पर खड़ी वो इमारत है जो मुस्कुराती है तब भी जब परिस्थितियां अनुकूल नहीं होतीं क्योंकि उसे पता है कि-
आपका परिवार आपकी प्यार की नींव पर खड़ी वो इमारत है जो मुस्कुराती है तब भी जब परिस्थितियां अनुकूल नहीं होतीं क्योंकि उसे पता है कि-
बिगड़ नहीं सकता कुछ मेरा, परिस्थतियों
के वार का,
क्योंकि मेरी नींव में पत्थर, पड़ा
है प्यार का....!
तो आइये ऐसी चीज बांटी जाए जो बांटने से और बढ़े, तुम्हारे सम्मान को बढ़ाए, तुम्हारे कद को बढ़ाए, तुम्हारे
रिश्तों को बढ़ाए, जिसके बाँटने से कुछ भी घटे नहीं सिर्फ और सिर्फ.....बढ़े !
मुझे नहीं है चाहत किसी हथियार की....
साईं इतना दीजिए, भरी रहे झोली हमेशा मेरे प्यार की !
प्यार ही एक मात्र हथियार है जिससे आप जो चाहे हासिल कर
सकतें हैं, औरों को जीत सकते हैं, बस इस हथियार का इस्तेमाल सही तरह से समय-समय पर करते रहिए !
प्रेम बांटिये, प्रीत बांटिये......जो
बंटने से कम नहीं होती,
और जब बंटता है प्यार, तो किसी की भी आँखें नम नहीं होती....!

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