सदा अपना ध्यान सफर के आन्नद में रखिये न की milestones पर, मंजिल का आन्नद दुगना हो जाएगा !


सफ़र करते वक्त आप पाओगे की ज्यादातर लोगों का ध्यान रास्तों के milestone पर ही अटका होता है..... की सफ़र कब पूरा होगा? सफ़र कितना बचा है? सफ़र कितना निकला है? इत्यादि-इत्यादि.....जी हाँ अक्सर आप यह अपने आस-पास या फिर अपने साथ भी ऐसा होता हुआ पायेंगें ! 

तो समय है अब इससे बाहर आने का, अपनी इन आदतों से बाहर निकलने का......!

बजाए सफ़र का आनन्द लेने के, हममें से ज्यादातर लोग सफ़र को एक बोझ की तरह लेतें हैं और रास्ते में आने वाली नजारों व उनसे मिलने वाले आन्नद से सदा वंचित रह जातें हैं, सिर्फ और सिर्फ अपने सफ़र को जैसे-तैसे काटने के रवये के कारण !

ठीक यही हाल हमारे जीवन का भी है......हममें से जादातर लोग उसको जैसे-तैसे काट रहें हैं बजाए उसको मुक्त हो, उन्मुक्त होकर जीने के ! 

हम अपने जीवन के सफ़र में आने वाली, घटने वाली खुशियों का उत्सव मनाने की बजाए उनके निकलने के बाद उसको तलाश रहें हैं, और जब कभी कोई कठिनाई हमारे जीवन में आती है तो समपर्ण कर सफ़र शुरू करने से पहले ही हार मान लेतें हैं !

जिन्दगी के सफ़र में आने वाले milestones यानि पड़ावों का व्यर्थ ही analysis करने और उनमें उलझने  की बजाए सफ़र का आनन्द लें, जो जैसा आपके सामने है उसको वैसा ही accept करें, जो बदला नहीं जा सकता उसकी व्यर्थ चिंता न करें, बुरे से बुरा आपके साथ क्या होगा! हमेशा जीवन में एक बात याद रखना जितना ज्यादा आप किसी भी चीज, किसी भी बात को  resist करेंगें उतनी ही ज्यादा वह बातें , वह समस्याएँ persist करेंगी…..More u resist more it persist !

कुछ लोग सफ़र के milestones में उलझ कर रह जातें हैं और उनके दबाव में समय से पहले और मंजिल से पहले थक जातें हैं और कुछ लोग इनकी परवाह किये बगैर सफ़र का आन्नंद लेतें हैं,वह आंनंद लेतें हैं प्रकृति के नजारों का, अपने आस-पास के लोगों का, उनकी संस्कृति का, उनके खान-पान का यानि मस्त रहतें हैं, व्यस्त रहतें हैं अस्त-व्यस्त नहीं अपने आप को व्यस्त रखतें है ऐसे लोगों का सफ़र कब कट जाता है यह न उनको पता चलता है, न ही उनके साथ के लोगों को !

इसलिए अपने जीवन में हमेशा व्यस्त रहें, व्यर्थ नहीं......अपने जीवन के हर milestone को, पड़ाव को हँसते-खेलते निकालिए, रास्ते में आने वाली कठिनाइयाँ कब निकल जायेंगी आपको पता भी नहीं चलेगा !

सदा अपना ध्यान जिंदगी के सफर के आन्नद में रखिये न की milestones पर, मंजिल का आन्नद दुगना हो जाएगा !







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