" यह वक्त भी बीत जाएगा " !


वक्त आपका साथ, हो सकता है कि इस समय न दे रहा हो.....हो सकता है कि इस समय आप वक्त के साथ न खड़े हों....उस समय बस एक काम करना-सिर्फ और सिर्फ सब्र करना क्योंकि वक्त कभी एक सा नहीं रहता कल तुम्हारा था.....कल भी तुम्हारा होगा !

समंदर की लहरों को अगर तुमने कभी जीता होगा तो आज समंदर कि गहराई तुम्हे चुनौती देने के लिए तैयार खड़ी होगी,  साँसे उखड़ेंगी, कदम लड़खड़ाएंगें, छोर नजरों से ओझल होते जायेंगें, किश्ती किनारों को तलाशेगी.....जब.....सब....ख़त्म सा प्रतीत होगा.....तब भी उम्मींदों की पतवार को जिन्दा रखना, क्योंकि यह वक्त भी बीत जाएगा!

 पुरानी कहानी है एक बार महाराज अकबर ने बीरबल से पूछा- कि "ऐसा कौन सा मन्त्र है जो जब मैं बहुत ज़्यादा खुश होऊं, तो मुझे ज़्यादा खुश न होने दे और जब मैं ज़्यादा दुखी होऊं तो मुझे ज़्यादा दुखी न होने दे ! बीरबल ने सरल जवाब दिया की जब भी आपके साथ ऐसी परिस्थिति आये आपको लगे की आपके पास बहुत ज़्यादा खुशियां हैं या आपके पास बहुत ज़्यादा दुःख हैं तो इस कागज पर लिखे वाक्य को पढ़ लेना......उस कागज पर लिखा था-

" यह वक्त भी बीत जाएगा "

जी हाँ यह वक्त ही नहीं हर वक्त बीत जाता है जरुरत है उस वक्त में क़ायम रहने की और इस मन्त्र को ध्यान रखने की !

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