जब हार नजदीक हो....तब जीत की दस्तक जरूर होगी !
पर उसकी आहट तभी सुनाई पड़ेगी जब मन शांत और मौन चरम पर होगा,
रफ़्तार दुर्घटनाओं की जननी है.....विचारों की रफ़्तार, समय से पहले मुकाम पाने की रफ़्तार, औरों से आगे जाने की रफ़्तार, अपनी काबिलियत से ज्यादा पाने की रफ़्तार...रफ़्तार....रफ़्तार, यही हमारे मन को और मौन को ध्वस्त करती है, इसलिए अपने विचारों, अपनी महत्वाकांक्षाओं, अपने आप पर नियंत्रण रखें !
हार को समय दें, समय हार को हरा देगा, ऐसा जरूर होगा क्योंकि समय चक्र सदैव चलता रहता है, जीत के लिए कुछ अलग नहीं करना पड़ता, जीत -हार में कायम रहने का नाम है.......!
विचारों के नियंत्रण, विचारों की सकारात्मकता, विचारों की जिंदादिली पर ही जीत की इमारत खड़ी होती है, समय से पहले कतई हार न माने, हार होने से पहले कतई हार न माने क्योंकि........
जब हार नजदीक हो....तब जीत की दस्तक जरूर होगी !
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