सफलता और सकारात्मकता का अटूट रिश्ता है !
सफलता और सकारात्मकता का अटूट रिश्ता है ,
सफलता उस लता की तरह है, जो सकारात्मकता की सीढ़ी पर तेजी से आगे बढ़ती है, कभी भी ऊपर जाने के लिए हमेशा एक सीढ़ी की जरुरत होती है, और हमेशा अगर सीढ़ी मजबूत होगी और सही होगी तो हम आत्मविश्वास के साथ अपनी मंजिल तक पहुंचेंगे !
जी हाँ, सफलता भी तभी मिलती है जब सीढ़ी सकारात्मकता की हो, यानी आपके विचार सकारात्मक हों, हममें से बहुतों को अत्यधिक प्रयास के बाद भी सफलता नहीं मिलती कारण यह नहीं है की हमारे प्रयास में कोई कमी थी, कारण यह है की हमारे कार्य करने की दिशा और हमारे विचारों की दशा सही नहीं होती, हम हार के डर से आपने प्रयासों को बीच में छोड़ देतें हैं और समय से पहले हार मान लेते हैं, यहीं सकरात्मक विचार हमारे काम आतें हैं, और हम अपना सफर बिना किसी मुश्किल के पूरा कर पाते हैं, सकारात्मक विचारों की वजह से हार और जीत हमारे लिए मायने नहीं रखते और अपनी पूरी एनर्जी के साथ हम अपनी मंजिल को पाते हैं !
सफलता उस लौ की तरह है जो सकारात्मकता के दीपक में जलती है, हमेशा ध्यान रखियेगा की नकारात्मकता की आंधियां इनको डिगाने की, बुझाने की बहुत कोशिशें करेंगी, पर सफलता की लौ अखंड है, क्योंकि उसकी उत्पति सकारत्मकता के दीपक से हुई है, और जब जड़ें मजबूत होती हैं तो फल गिर सकते हैं, पत्ते गिर सकते हैं, डालियाँ गिर सकती हैं परन्तु....वृक्ष कभी नहीं गिरते !
अपनी जड़ों में सदा सकारातमकता की खाद डालते रहे, समय-समय से सकारात्मक ऊर्जा से सींचतें रहे, आप किसी भी मुकाम पर हारेंगे नहीं, जीत आपके कदम चूमेंगी यह तय है आज नहीं, तो.....कल !
सफलता उस लौ की तरह है जो सकारात्मकता के दीपक में जलती है, हमेशा ध्यान रखियेगा की नकारात्मकता की आंधियां इनको डिगाने की, बुझाने की बहुत कोशिशें करेंगी, पर सफलता की लौ अखंड है, क्योंकि उसकी उत्पति सकारत्मकता के दीपक से हुई है, और जब जड़ें मजबूत होती हैं तो फल गिर सकते हैं, पत्ते गिर सकते हैं, डालियाँ गिर सकती हैं परन्तु....वृक्ष कभी नहीं गिरते !
अपनी जड़ों में सदा सकारातमकता की खाद डालते रहे, समय-समय से सकारात्मक ऊर्जा से सींचतें रहे, आप किसी भी मुकाम पर हारेंगे नहीं, जीत आपके कदम चूमेंगी यह तय है आज नहीं, तो.....कल !
SUCCESS = (Thinking X Positivity) + Happiness in present moment - Negativity
सकारात्मक बनिए, हार-जीत के मायने बदल जायेंगें !
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