अपने विचार्रों को, अपने उसूलों को, अपने आदर्शों को गहरा करें-मजबूत करें, बजाए अपने बाहरी स्वरूप को संवारने के !


एक बात का हमेशा ध्यान रखना अगर आप किसी कतार का हिस्सा हैं, कतार में सबसे पीछे चल रहे हैं तो कतार जब वापसी करेगी तब आप का नम्बर कतार में कौन सा होगा.... जी हाँ कौन सा ? 

बिलकुल सही, तब आप कतार को लीड कर रहे होंगें जी हाँ अब आप कतार में सबसे आगे होंगें, इसलिए कभी भी इस बात की चिंता मत करना की कतार में आप कहाँ खड़े हैं, बस खड़े रहें और अड़े रहें, वक्त सबका आता है और सब वक्त के साथ ही आता है,  जो कल राजा थे आज वह रंक हैं और जो रंक थे वह  आज राजा हैं, बस जरुरत है अपनी जड़ों को मजबूत और अपने आदर्शों को कतार की हर पायदान पर कायम रखने की,  पायदान के हिसाब से अपने उसूल, अपने आदर्श कभी न बदलें, वरना कतार में तार-तार हो जाओगे, क_तरे जाओगे !

वह पेड़ हवाओं में कभी नहीं गिरते जिनकी जड़ें अंदर तक गहरी होती हैं,  वह जितने ऊपर होते हैं उससे कहीं ज्यादा जमीं के अंदर होते हैं, आप भी ऐसे ही बनिए अपनी जड़ों को गहरा करें, अपने अंतर्मन को, अपने विचार्रों को, अपने उसूलों को, अपने आदर्शों को गहरा करें-मजबूत करें, बजाए अपने बाहरी स्वरूप को संवारने के !

समय दें, अपने आप को भीतर से संवारने के...... बजाए अपने बाहरी आवरण को संवारने के, जो की क्षणिक है और जो लम्बे समय तक आप का साथ न देगा, आपके साथ नहीं रहेगा और जो आपके साथ है और आपके बाद भी रहने वाला है वह आपका आंतरिक सवरूप, आपका आंतरिक सदगुण ...अब यह आप पर है की आप किसको चुनते हैं-अपने भीतर के गुणों को या फिर अपने बाहरी आवरण को !

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