किसी भी जीवन रूपी माला की सफलता या सुंदरता का एक ही सूत्र है-वह है उच्च संस्कार और उच्च विचार.....!



अगर में आपसे कहता हूँ की माला बंनाने के मुझे लिए किन-किन वस्तुओं की जरुरत है तो आपका सीधा-सरल जवाब होगा- मोतियों और धागे की......जी हाँ आप बिलकुल सही हैं !

ठीक इसी तरह......अगर आपको अपने जीवन की माला को सुन्दर और सृदढ़ बनाना है तो हमें जरुरत होगी - "सकारात्मक विचार और आदर्श" रूपी मोतियों की और उससे भी कहीं अधिक "संस्कार" रूपी मजबूत धागे की !

देखिए, मोती चाहे कितने भी सुंदर क्यों न हो अगर उनको एक सूत्र में पिरोने वाला धागा मजबूत न होगा तो वह कभी भी कहीं भी बिखर जायेंगें, इसलिए सबसे पहले जीवन रूपी माला के निर्माण के लिए हमें  एक बहुत ही मजबूत धागा चाहिए, जो की हमारे संस्कार हैं- यह जितने उच्च, सुंदर और मजबूत होगें उतनी ही टिकाऊ और मजबूत  हमारी माला बनेगी, हमारा जीवन उतना ही टिकाऊ और दीर्घायु होगा !


इसलिए, सदा अपने संस्कारों को मजबूत रखें - आपके संस्कार ही आपकी पहचान हैं, क्योंकि यही आपके व्यक्तित्व के मोतियों को एक सूत्र में पिरोने का काम करते हैंहममें से ज्यादातर लोग सारा जीवन मोतियों को संवारने, मोतियों को बिखरने से बचाने में लगा देते हैं लेकिन जिस बात पर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत है हम उसे नजरअंदाज कर देतें हैं और वह है एक मजबूत धागे की और उसको और मजबूत करने की यानी हमारे संस्कारों को उच्च और मजबूत बनाने की.....ताकि हर मोती एक सूत्र में रहे, एक मजबूत संस्कारों के सूत्र में जो अपने आस-पास की परिस्थितियों  से कतई भी प्रभावित न हो  !

सूत्र हो उच्च संस्कारों का,
जिसमें चाहे हों रिश्तों के मोती,
चाहे मोती हो मुस्कान के....,
इक-इक मोती पिरोयें हम प्रीत से,
चाहे हों सपनों के मोती,
चाहे मोती हों अपने और अपनों के अरमान के....!

अब दूसरी महत्वपूर्ण बात- अगर माला कितने भी मजबूत सूत्र में क्यों न बनी हो, किन्तु अगर उसके मोती अव्यवस्थित होंगें,  तो माला कभी भी सुंदर नहीं दिख सकती !

आपके जीवन की माला में मोतियों की भी बहुत अहमियत है- 

यानी आपके विचार, आपकी सोच, आपकी अपेक्षाएं, आपसे अपेक्षाएं, आपकी मुस्कानआपके सपनेआपके अपने-उनके सपने, आपके रिश्ते, आपके शब्द, आपके अर्थ, आपका मन, आपका तन.......और भी बहुत सारे मोती हैं जो आपके जीवन की माला को व्यवस्थित बनाने के लिए बेहद जरुरी हैं, अपने बाहरी स्वरूप को संवारने से बेहतर है अपने आंतरिक स्वरूप को तराशें !

मोतियों को जितना तराशा जाएगा माला का स्वरूप, जीवन का स्वरूप उतना ही सुन्दर और बेहतरीन होगा, इसलिए  संस्कारों की जड़ों की मजबूती के साथ-साथ जीवन रूपी वृक्ष की शखाओं को, उनके पत्तों  को भी सुंदर रखें, सकारात्मक विचारों से ही सकारत्मक क्रियाओं का जन्म होता है और आपकी सकारत्मक क्रियाओं-कर्मों से ही सकारात्मक भविष्य का निर्माण संभव है....!

किसी भी जीवन रूपी माला की सफलता या सुंदरता का एक ही सूत्र है-वह है उच्च संस्कार और उच्च विचार.....!








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