बचने वाले कभी नहीं बचते !
बचने वाले कभी नहीं बचते,
और जो बचना नहीं चाहते वह कभी नहीं फंसते, जी हाँ अगर फँसना नहीं चाहते तो बचने से बचें...,
आप देखेंगें की जब-जब आपने बचने की कोशिश की होगी उतना ही आप अपने आप को दबाव में पायेंगें, फंसने का डर , कुछ खोने के डर-कुछ न पाने के डर से सदा घिरे हुए पायेंगें, बचने वाले कभी नहीं बचे और बल्कि बाकी लोगों की अपेक्षा जल्दी ख़त्म हो गए, इसलिए किसी चीज से बचने की चेष्टा की बजाए उसे कर गुजरिये....!
जिन्होंने बचना चाहा अपने माँ-बाप के बुढ़ापे का सहारा बनने से, उन्हें अपने उम्र के आखरी पड़ाव पर सहारे के लिए सदा ही भटकना पड़ा, जिन्होंने बचना चाहा अपने को दिए गए कामों से उन्हें काम नहीं करने के अत्यधिक प्रयासों ने ही खत्म कर दिया, जिन्होंने बचना चाहा अपने बच्चों की जिम्मेदारी से उन्हें अपने बच्चों के बच्चों में ही उलझ कर अपनी दिशा और देश बिगाड़ ली !
बचने के प्रयास में आप जितना थकेंगें उससे बहुत कम प्रयास में आप किसी भी काम को अधिक आसानी और बिना दबाव के कर सकतें हैं !
बचने के प्रयास में आप जितना थकेंगें उससे बहुत कम प्रयास में आप किसी भी काम को अधिक आसानी और बिना दबाव के कर सकतें हैं !
जी हाँ यह प्रकृति का नियम है की अपने दिए गए कामों, अपनी जिम्मेदारियों से आप बच कर कभी नहीं निकल सकते अपना सफर उन्हें पूरा किये बगैर कभी ख़त्म नहीं कर सकते......अगर सही तरह से, सही समय पर पूरी जिम्मेदारी से आप इन्हें पूरा नहीं करेंगें तो आपको अपनी जिंदगी की अंतिम सांस से पहले कहीं न कहीं, कभी न कभी ,किसी न किसी रूप में इन्हें पूरा जरूर करना पड़ेगा, तो अभी क्यों नहीं...!
इसलिए सही तरह से, सही समय पर अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करें ताकि सफर का अंतिम पन्ना , अंतिम पायदान भी खूबसूरत दिखे...खूबसूरत बनें !
इसलिए सही तरह से, सही समय पर अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करें ताकि सफर का अंतिम पन्ना , अंतिम पायदान भी खूबसूरत दिखे...खूबसूरत बनें !
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