पहले एक्टिंग करिए , मेहनत करिए.....आप सुपर स्टार अपने आप बन जायेंगें !
‘मैं पहले सुपर-स्टार
बनूंगा फिर अपनी एक्टिंग, अपने करियर की शुरुआत करूँगा’..... इस वक्तव्य में जिस चीज की
कमीं झलक रही है वह है 'काम' से पहले 'नाम' की अपेक्षा I
हम और आप में से ज्यादातर लोग सिर्फ नाम
की तलाश में अपनी सारी एनर्जी लगा रहें हैं, हमारा सारा प्रयास इसी में होता है कि किस
तरह हम ‘बिना काम...चारों तरफ नाम’ कर सकें I आज ऊपर दिये गए वक्तव्य को देने वाला कलाकार गुमनामी के
अन्धेरों में है और अपने जीवन में अब तक कुछ भी हासिल नहीं कर पा रहा I उसके पास नाम तो दूर आज कोई काम भी नहीं है I
अगर उसनें उस समय यह कहा 'मैं पहले एक्टिंग करूँगा और पूरी मेहनत और लगन से अपना काम करूंगा और फिर एक दिन बहुत बड़ा सुपर-स्टार बनूँगा' उसने पहले
अपनी एक्टिंग अपने काम, अपनी मेहनत को अपना हथियार बनाया होता तो आज परिस्थितियाँ ऊपर से बिल्कुल विपरीत होतीं और आज वह एक सुपर-स्टार होता न कि गुमनामी के अँधेरे में I
क्यों, हम
वह सब वह पाना चाहते है पर जिनके लिए हम प्रयास नहीं करना चाहते हम अपनी थाली पूरी तरह सजी
हुई, हम अपने लिए मंच तैयार देखना चाहते हैं ताकि हम उस पर परफोर्म कर सकें...किन्तु
क्या हमने कभी अपनी थाली सजाने का प्रयास किया है उसके लिए क्या अपना पसीना बहाया है,
क्या कभी अपने लिए मंच या किसी और के लिए मंच तैयार करने की नींव रखी है या सिर्फ हम
मंच तैयार देख हम परफोर्म करने के लिए तैयार हो जातें हैं I अगर यह सब आपने नहीं किया है तो गुमनामी के अंधेर में
खोने के लिए तैयार रहें, आखिर कब तक हम इस इन्तजार में रहेंगें की सिंहासन का निर्माता कोई और हो, सिहांसन किसी और का हो किन्तु उसके राजा हम हों
I
हमेशा इस
प्रयास से बचें और ऐसे लोगों से भी, जो तुम्हारा सीढ़ी की तरह इस्तेमाल करना चाहतें हैं I भगवान ने जब इस धरती पर सबको भेजा है तो उन्हें भी उनके लिए अपने लिए कुछ काम करने दें यानी ‘पहले काम....फिर
नाम’ I
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