जीवन को जीने के सिर्फ दो ही तरीके हैं- या तो कहो उसको 'ओके' या तो जी लो उसको 'रो के' !



अगर आप हँस कर कठिनाइयों को, परिस्थितियों को स्वीकार नहीं भी करेंगें तो भी वह बदलने वाली नहीं हैं I बस फर्क इतना पडेगा की आप अपने जीवन में हमेशा एक वजन को लेकर चलते रहेंगें, इससे बेहतर यह है की उन कठिनाइयों को ओके कहें-स्वीकार करें, वह जैसी भी हैं उनका प्रतिरोध न करें, उनका मुकाबला करें और उन्हें समय दें ताकि वह अपने आप आपके जीवन से निकल जाएँ न की रोके उनको अपने जीवन का सदा के लिए हिस्सा बना लें या बनने दें, रोने से कुछ हासिल नहीं होगा परिस्थितियां बदलने वाली नहीं है इसलिए खुद बदल जाएँ और हँस कर उनका मुकाबला करें I

जीने के बस दो ही तरीके है:
मुश्किलों को कह दो ‘ओके’ या फिर उलझे रहो उनमें ‘रो-रोके’ I


चोइस आपकी है क्योंकि जिंदगी भी आपकी है I चुनना आपको है क्योंकि अपना जीवन बुनना आपको है I

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