आप अपने काम ईमानदारी से करते हैं तो किसी से डरने की जरुरत नहीं है !
आप अपने काम ईमानदारी से करते हैं तो किसी से डरने की जरुरत नहीं है और अगर नहीं करते तो काम ईमानदारी से करना शुरू कर दीजिए क्योंकि आपको मौका एक बार मिलेगा, दो बार मिलेगा लेकिन बार-बार नहीं मिलेगा, अपने काम के प्रति ईमानदार बनिए काम को बोलने दें बजाए शब्दों के !
काम हमेशा संयम, शालीनता और मर्यादाओं की नींव पर टिका होना चाहिए बजाये किसी बेलगाम घोड़े की तरह, बिना दिशा और मंजिल के, आप कितना भी काम करें लेकिन उसमें अगर शालीनता नहीं है तो उस काम की कोई value नहीं है, काम तभी पूरा होगा जब उसे आप हाथ में लेंगें बिना हाथ में लिए कोई भी काम मुमकिन नहीं है, हाथ बढाइये-काम लजिए और उठिए और ख़त्म होने तक मत बैठिये क्योंकि बिना उठे, बिना चले आपके काम कभी नहीं हो सकते !
काम करते वक्त बस एक बात का ध्यान रखना की काम को करने के लिए आपकी दो चीजों की जरुरत है -आपका स्किल और काम के प्रति आपकी ईमानदारी, अगर यह दो चीजें आपके पास हैं तो निश्चित ही आपको किसी से डरने की जरुरत नहीं है, किन्तु आपके पास कितना भी skill हो और ईमानदारी की कमीं हो तो कभी भी आप अपने काम को पूरा नहीं कर पायेंगें क्योंकि आपका स्किल आप को काम करने के लिए तो कहेगा पर डर आपको काम कभी नहीं करने देगा !
काम करिये डरिये नहीं क्योंकि दोनों में से एक ही काम हो सकता है या तो डरिए या काम करिए....चुनना आपको है !
काम करते वक्त बस एक बात का ध्यान रखना की काम को करने के लिए आपकी दो चीजों की जरुरत है -आपका स्किल और काम के प्रति आपकी ईमानदारी, अगर यह दो चीजें आपके पास हैं तो निश्चित ही आपको किसी से डरने की जरुरत नहीं है, किन्तु आपके पास कितना भी skill हो और ईमानदारी की कमीं हो तो कभी भी आप अपने काम को पूरा नहीं कर पायेंगें क्योंकि आपका स्किल आप को काम करने के लिए तो कहेगा पर डर आपको काम कभी नहीं करने देगा !
काम करिये डरिये नहीं क्योंकि दोनों में से एक ही काम हो सकता है या तो डरिए या काम करिए....चुनना आपको है !
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