लोगों की चिंता छोड़िये और अपने घर की तरफ मुँह मोड़िए !



जब आप अपनी खिड़की पर खड़े हो कर दूसरे के घर में झाँक रहे होते हैं, तो आपके घर की तरफ आपकी पीठ होती है, यानि आप दूसरे पर ज्यादा केंद्रित होते हैं बजाये अपने या अपने परिवार के !

जी हाँ, जब भी हम दूसरे में  परिवार में गलतियां ढूंढ रहे होते हैं तो हम कुछ और नहीं अपनी गलतियों को अपनी कमियों को नजरअंदाज कर रहे होते हैं, जब हमारा सारा ध्यान सामने वाले की तरफ होता है तो अपने पीठ के पीछे अपने घर को हम ignore कर रहे होते हैं, बच्चों की गलतियों को नजरअंदाज कर रहे होते हैं !

हममें से ज्यादातर लोग दूसरों की कमियां या मीन-मेख में इतने उलझे रहतें की उनके घर में क्या घट रहा है यह उन्हें दूसरे से पता चलता है, इसलिए बजाए दूसरों क के बच्चे -बड़े क्या कर रहे है अपना quality समय अपने परिवार को दें, ताकि किसी और को आपके बच्चे-बड़ों की दिशा और दशा नहीं बतानी पड़े, और आप उनको सही दिशा और गति प्रदान कर सकें !

अपना समय लोगों के बच्चे- बड़े क्या कर रहे है, कैसे हैं इससे बचे, क्योंकि आपके घर को आपकी जरुरत है, बाकी लोग अपना घर खुद संभाल लेंगें, ऐसा न हो की वो लोग तो आगे निकल जाएँ आप अपनी खिड़की पर ही खड़े रह जाएँ !

मुड़िए, अपनी खिड़की के पल्ले बंद कीजिए और अपने घर में आइये पूरी तरह से, समय दीजिये अपने और अपनों को उनके सपने और सपनों को......उनके लिए यह आप ही को करना है, आपकी जगह यह कोई और नहीं करेगा, इसलिए लोगों की चिंता छोड़िये और अपने घर की तरफ मुँह मोड़िए !




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