डूबने के लिए अगर पानी की जरुरत होती तो सूरज कभी नहीं डूबता !
अगर कभी कोई विचार आपको परेशान करें तो उसके आगे कभी समर्पण नहीं करना,
बल्कि उन विचारों को अर्पण कर देना उन्हीं को जहां से उनकी उत्पति हुई है !
डूबने के लिए अगर पानी की जरुरत होती तो सूरज कभी नहीं डूबता,
सूरज हर रोज डूबता है, बिन पानी के भी....,
यही जीवन है, जिसमें कभी उतार है तो कभी चढ़ाव हैं,
और जहां कोई तर गया पानी में भी और कोई डूब गया बिन पानी के भी !
जिंदगी बेहतर बनाने के जूनून में , 'बद' से 'बदतर' हो गई,
काश, जैसी थी बेहतर थी, 'हीरों' की तलाश में, 'मोतियों' सी जिंदगी भी 'पत्थर' हो गई !
अति की तलाश में अति हो गई,
वो वीर था पर उसकी तलाश में ही उसकी वीरगति हो गई,
'जरा' से में भी सुकून था,
न समझ सका वो......और जो न समझा तो दुर्गति हो गई !
अपने सारे 'बंधन खोल दो', मुक्त हों.....उन्मुक्त हों !
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