"जाते हुए से सीखना और सीखाते हुए को जाने देना"


जी हाँ,
जो 'जा' रहा है याद रखना हमेशा वो कुछ 'सीखा' रहा है,
और जो 'सीखा' रहा है याद रखना की वो हमेशा के लिए 'जा' रहा है !

जी हाँ 'वक़्त' भी और 'इन्सान' भी.....,

वक़्त

वक़्त हमेशा चलायमान है और निरंतर चलता रहता है, जाता हुआ वक़्त हमेशा हमें कुछ सीख देकर या सीखाकर ही जाता है, हर जाते हुए वक़्त से-बीत गए वक़्त से हमें  सबक सीखना चाहिए, बीते हुए वक्त में हुई अपनी गलतियों से सबक लेना चाहिए, अपनी जाने-अनजाने की गई भूलों से सबक लेना चाहिए ताकि आने वाले वक्त में वो भूल - वो गलतियां हमसे न हों, जाता हुआ वक्त हमें बहुत कुछ कह कर, बहुत कुछ सीखा कर जाता है, यह हम पर है की हम उन सबकों को स्वीकार करें न की नजरअंदाज करें, अगर हम उन्हें स्वीकार लेंगें तो यह तय है की आने वाला हमारा वक्त बहुत ही मंगलमय और अच्छा होगा और अगर हम उन्हें नजरअंदाज कर देंगें तो फिर आनेवाला वक्त भी बीते हुए वक्त की तरह ही बीत जाएगा हमें सीखाते-सीखाते और जीवन भर हम सीखने और गलतियों को दोहराने की प्रक्रिया से बाहर कभी नहीं निकल पायेंगें, इसलिए जो समय जा रहा जाते-जाते वह हमें जो कुछ भी सीखा रहा है उसकी सीख को दिल से स्वीकार करें और आगे के लिए सबक लें !

हमेशा याद रखना की कोई भी चीज इस संसार में स्थाई नहीं हैं, अगर वक्त हमें कोई सीख दे रहा है या हम वक्त से कुछ सीख रहे हैं तो वह हमारे अच्छे के लिए ही है और बाद में पछताने से पहले उससे हमें सबक ले लेना चाहिए ताकि हम अपना आने वाला वक्त अच्छी तरह से जी सकें, इसलिए हमेशा ध्यान रहे की कोई भी जो हमें सीखा रहा है उससे समय पर सीख ले लें, उसके निकलने से पहले, उसके बीतने से पहले, उसके खो जाने से पहले, उसके हमसे बहुत दूर हो जाने से पहले, क्योंकि जो सीखा रहा है वो निश्चिंत ही हमेशा के लिए जा रहा है !

इन्सान 

अपने ही अपनों को सीखतें हैं और वही अपनों को सही और गलत का आइना दिखातें हैं, क्योंकि उन्हें उन्हीं से उम्मीद होती है, गैरों से नहीं। आपकी भूल, आपकी गलतियां सिर्फ आपके अपने ही सुधारने सख्ते हैं क्योंकि वह दिल से चाहते हैं की आप और आपके अपने सदा मुस्कुराते रहे जाता हुआ इंसान, आपका अपना आपको बहुत कुछ बता कर सीखा कर जाता है भले ही आपका व्यवहार उसके प्रति कैसा भी रहा हो, उसकी सीख को , उसे  स्वीकार करें ताकि आने वाले समय में आपकी अपने और अपनों के बीच की दूरियां कम हो इसलिए जो भी आपसे दूर जा रहा है वह हमें कुछ सीखा रहा है !

अगर कोई इंसान आपको कुछ सीख दे रहा है तो वह अपना समझ कर दे रहा है चाहे जाने-अनजाने आपने उसका दिल ही क्यों न दुखाया हो, वह चाहे आपके माता-पिता हों, भाई-बहन हों, पति-पत्नी हो, बचीं हों  या कोई भी बड़े-बुजुर्ग हों, चाहे अपने हों-चाहे पराये हों और वह चाहते है की भले ही वह आपसे दूर जा हो रहे  हों जाते -जाते वह आपको अपना समझ कर, कुछ सीखा कर ही जाना चाहता हैं, इसलिए जो आपको कुछ सीखा रहा है उससे वक्त रहते ही सीख लें क्योंकि निश्चिंत ही वो हमेशा के लिए  जा रहा है !

"जाते हुए से सीखना और सीखाते हुए को जाने देना",
जिसने यह मन्त्र अपने जीवन में उतार लिया-उसका जीवन में सर्वमंगल है-जीवन सफल है !

 नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं, सभी का मंगल हो, 
अपने सभी  'बंधन खोल दें' और मुक्त हों-उन्मुक्त हों...... ! 

  



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