जिंदगी की सांसें निश्चित हैं, महान बनने से बेहतर है इंसान बनिए !


अपनी ताकत को अपनी कमज़ोरी बनाने से बेहतर है, अपनी कमज़ोरी को अपनी ताकत बनाए,
अपनी ताकत का प्रदर्शन करने से बेहतर है, अपनी काबिलियत का प्रदर्शन कीजिए,
अपने शब्दों का बखान करने से बेहतर है, आपके काम का बखान होने दो,
अपने अंदर अभिमान के बीज बोने से बेहतर है, अपने अंदर स्वाभिमान की फसल को सींचें,
अपनी आँखों पर नकारात्मकता की ऐनक लगाने से बेहतर है, सकारत्मकता के eye drop उसमें डालें,
अपने कद को बड़ा करने से बेहतर है, अपनी सोच, अपने विचारों को बड़ा कीजिए,
अपने बाहरी आवरण को संवारने से बेहतर है, अपने भीतर को संवारिए,
वैर के हीरे तराशने से बेहतर है, प्यार के पत्थर तराशिए,
अपनी हार का ठीकरा दूसरे के सिर फोड़ने से बेहतर है, अपनी जीत का सेहरा  किसी और को पहनाएं,
अपने आचरण के तनों को संभालने से बेहतर है अपनी संस्कारों की जड़ों को मज़बूत कीजिए,
अपने शब्दों को तलवार बनाने से बेहतर है, अपने मौन को हथियार बनाएं,
अपने तन की सफाई से बेहतर है अपने मन की सफाई,
किसी से तुलना करने से बेहतर है, अपनी तुलना अपने आप से करें,
अपनी काबिलियत का प्रमाण किसी से लेने से बेहतर है, 
आपकी काबिलियत किसी प्रमाण की मोहताज़ न हो,
अपना मुकाबला किसी और से करने से बेहतर है अपना मुकाबला खुद से करें,
अपनी दौड़ किसी और से करने से बेहतर है ऐसी दौड़ और होड़ से बचा जाए,
अपने सफर में  मात्रा का ज्यादा होने से बेहतर है, उसमें गुणवत्ता ज्यादा हो, 
अपने पैरों को सिकोड़ने से बेहतर है, अपनी चादर को बड़ा कीजिए,
अपने भोजन के बर्तन को बड़ा करने से बेहतर है, 
छोटे बर्तन में पर्याप्त और प्यार से परोसा गया भोजन हो,
घर की दीवारें मजबूत करने से बेहतर है, अपने रिश्तों की नींव को मजबूत कीजिए,
ज्यादा लोगों से दोस्ती होने से बेहतर है, कम लोगों से एक बेहतर रिश्ता हो,
ज्यादा पाने की तलाश में भटकने से बेहतर है, कम में खुश रहना,

जिंदगी की सांसें निश्चित हैं, महान बनने से बेहतर है इंसान बनिए !






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