परीक्षा में सफल होने के सरल नियम !


परीक्षाएं पास हैं....पर चिंता करने की, परेशान होने की आपको ज़रा से भी जरुरत नहीं है, 
परीक्षा पास है और आप पास हर परीक्षा में हैं !

कुछ बातें जो आपको परीक्षाओं से पूर्व ध्यान रखनी है उनपर अगर आपने पालना की तो निश्चिंत ही हर परीक्षा में आपका कद बड़ा होगा...गिरेगा भी वही जो अपने पैरों पर खड़ा होगा और हारेगा भी वही जो कभी लड़ा होगा !

परीक्षा में सफल होने के कुछ सरल नियम हैं, कुछ सरल बातें हैं जिनको आपको ध्यान में रखना है :

१) यह मेरी पहली या आखरी परीक्षा नहीं है :

आपकी आने वाली परीक्षा से पहले भी आपने बहुत सी परीक्षाएं दी हैं और उनको अच्छे अंकों से पास भी किया है, आपके लिए यह पहली परीक्षा नहीं हैं की आप इससे घबराएं या इसके आगे समय से पूर्व समर्पण कर दें, आप पहले भी परीक्षाओं पर खरे उत्तरों हैं और आज भी खरे उतरेंगें !
न ही यह आपकी आखरी परीक्षा है की अगर कुछ अंक कम आ भी जाएँ तो आपकी सारी दुनिया ख़त्म होने वाली है, लेकिन आपके प्रयास में कोई कमी नहीं होनी चाहिए प्रयास सौ प्रतिशत होना चाहिए , आपकी इस परीक्षा के आगे जहान और भी हैं !
आपने आगे भी परीक्षाएं बिना किसी तनाव के, बिना किसी दबाव के दी हैं तो इस परीक्षा में भी दबाव-तनाव मुक्त हो अपना सौ प्रतिशत दें !

२) जितना मुझे आता है, वो पूरी तरह आता है:

ज्यादा के चक्कर में  जितना आपको पता है, जितना आपको याद है उसको भी न गंवाएं,  आपने जो पढ़ा है उसमें पूरी तरह पक्के रहे और जो छूट गया है उसको एक बार जितना आपको आता है उसके बाद शुरू करें, कोई भी विषय को मझधार में न छोड़ें , हर टॉपिक को हाथ लगा-लगा कर आगे न बढ़ें, जिस विषय को हाथ में लें उसको पूरी तरह ख़त्म कर के ही आगे बड़े, किताब के उस चैप्टर के हर हिस्से को छुएं, हर हिस्से को पढ़ें और उसे पूरा समय दें !
इससे काम से काम  उस विषय से पूछे गए सवालों का आप सही जवाब दें पायेंगें और अपने अंदर यह विश्वाश रखें की इस विषय में जितना मुझे आता है वह पूरी तरह आता है आपमें यह आत्मविश्वाश तभी आ सकता है जब आपने जो विषय पढ़ा हो, वह पूरी तरह पूर्ण रूप से सौ प्रतिशत पढ़ा होगा !

३) लकड़ी के भारी टुकड़े को उठाने से बेहतर है उसके छोटे-छोटे-टुकड़े कर उन्हें उठाएं:

किसी भी वस्तु या भारी लकड़ी को अगर आपको उठाने के लिए बोला जाए तो आपके लिए उसको उठाना कठिन होगा, और यही आपको उस लकड़ी के छोटे-छोटे टुकड़े कर दिए जाएँ और उठाने के लिए दिए जाएँ तब आप उसे आसानी से उठा लेंगें !
जी हाँ, किसी भी सब्जेक्ट को पार्ट्स में पढ़ें, उसको तोड़-तोड़ कर पढ़ें एक साथ ही सब कुछ अपने अंदर उतारने से बेहतर है की आप उस सब्जेक्ट को तीन हिस्सों में विभाजित कर लें- सबसे आसान, आसान, थोड़ा कम आसान यहां मुश्किल शब्द का कोई स्थान न रखें, अब इन तीन हिस्सों के हिसाब से अपनी तैयारी करें, पहले सबसे आसान विषय को ख़त्म करें, फिर आसान को लें और अंत में थोड़ा काम आसान विषय पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करें, एक साथ तीनों पर अटैक करने की बजाये  एक-एक कर तीनों को निपटाएं !
इतिहास में भी आपको बहुत सी कहानियां सुनने को मिलेगीं की अगर एक मजबूत राज्य से मुकाबला करना है तो एक-एक कर उसके नेतृत्व का खात्मा करें तभी आप उस राज्य को जीत सकतें हैं वरना बिलकुल नहीं ! 

४) अपने को पूरी तरह हल्का और तनाव-मुक्त रखें:

बहुत सी बार चीजें उतनी भारी होती नहीं हैं जितनी की वह दिखती हैं, होने और दिखने के फर्क को समझें परीक्षाएं इतनी कठिन नहीं होती हैं जितना की हम उन्हें बना देतें हैं, बच्चों और अभिवाक दोनों को इस बात को समझना चाहिए !
परीक्षा के पूर्व और परीक्षा दोनों समय में अपने को बिकुल हल्का रखें, अपनी पढ़ाई को भी मस्ती में करें-तनाव को उसमें कोई जगह न दें, पढ़ाई के साथ साथ मस्ती और खेलकूद भी करें, सारा दिन पढ़ने की बजाये जितनी देर पढ़ें, उसे ध्यान से और दिल से पढ़ें अपने पर कोई वजन न रखें क्योंकि अपने सिर से पत्थर भी उन्हें ही हटाना पड़ता है जिन्होंने उसे अपने ऊपर रखा होता है और जिन्होंने कोई भार अपने ऊपर रखा ही नहीं उन्हें किसी भी वजन को उठाने या हटाने की जरुरत नहीं पड़ती, इसलिए परीक्षा के समय बिलकुल हल्के रहे, अपने पर न कोई वजन रखें, न हटाएं ! 

५) आपका मुकाबला आप से ही है, किसी और से नहीं :

परीक्षाओं के दौरान किसी के साथ भी अपनी तुलना करने से बचें, आपको जितना आता है, जैसा आता है उसका किसी से मुकाबला न करें, अपनी तैयारी अपने तरीके से करें और भेड़ चाल से बचें , नए-नए प्रयोग करने से बचें, साल भर जिस तरीके से आपने तैयारी की हो उसी रास्ते पर आगे बड़े, नए रास्ते, शॉर्टकट्स न अपनाएं !
किसी की तैयारी कैसी है, किसको कितना आता है इसमें अपना समय व्यर्थ करने की बजाये अपनी तैयारी में ध्यान लगाएं, अपना मुकाबला अपने आप से ही करें किसी और से नहीं, आपको कोई हरा या जीता नहीं सकता सिर्फ और सिर्फ आपके अलावा, अपने पर विश्वाश रखें और आगे बढ़ें ! 

अपनी परीक्षाओं को जीवन-मरण का प्रश्न न बनाएं, मुस्कुराते हुए अपनी पूरी ताकत से अपनी मंजिल की और आगे बढ़ें....!


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