सफल जीवन के दस महत्वपूर्ण मंत्र-२
सफल जीवन के दस महत्वपूर्ण मंत्र-२ :
१) अपना बेस्ट देने के चक्कर में, ऐसा न हो की अपना बेटर भी न कर पाएं, इसलिए बेहतरीन के प्रयास से अच्छा है की अपनी तरफ से बेहतर करें !
२) हरदम 'हाँ' से बचें और 'न' का इस्तेमाल अपने जीवन में सही समय पर और सही मात्रा में करें !
३) अपनी बात को कम शब्दों में रखना सीखें और हर दायरे में आपके शब्द हों और हर शब्द का अपना दायरा हो !
४) खुश रहने को अपनी आदत बनाएं, मज़बूरी की नींव पर आपकी ख़ुशी की इमारत कभी न खड़ी करें अपने लिए ख़ुशी को बाहर तलाशने की बजाए अपने भीतर तलाशिए !
५) आप क्या हैं, आप कौन हैं आप को किसी के प्रमाण की जरुरत नहीं है, अपने लिए किसी और के प्रमाण-पत्र का इन्तजार नहीं करिए आपकी पहचान, आपका काम आपके अलावा किसी और के प्रमाण पत्र का मोहताज़ नहीं हो !
६) अपने "मैं" को अपनी चप्पल की तरह बाहर रख कर अपने मंदिर रूपी 'घर' और 'कार्यक्षेत्र' में प्रवेश करें, आपका अहम् सिर्फ एक वहम है यतार्थ नहीं !
७) आप खुशनसीब है की आपका एक परिवार है और आपके परिवार को भी अपने होने की खुशनसीबी का एहसास होने दें यही आपकी असल ताकत है !
८) किसी को आपके शब्दों के बाण कभी न चुभें !
९) अपने बच्चों से कुछ न कुछ जरूर सीखें, कम से कम बचपन क्या है उसको समझे और बड़े होने से बचें !
१०) नकारत्मक बातों को बात बार दोहराने और उस पर कोमा लगाने की बजाए उसको पूर्णविराम लगा दें !
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