पानी के स्वरूपों की तरह ही, आपका जीवन होना चाहिए !


पानी के स्वरूपों की तरह ही, आपका जीवन होना चाहिए, 
पानी के तीन अलग-अलग स्वरूप हैं, तीनों स्वरूपों की अपनी-अपनी विशेषताएं हैं, अपनी एक पहचान है उन्ही विषेशताओं की तरह आपका जीवन भी होना चाहिए !

पानी का पहला स्वरूप है तरल यानि की लिक्विड,

आपको भी अपने जीवन में पानी की तरह तरल होना चाहिए जिस तरह पानी को किसी भी चीज में डालो तो उसका तरल स्वरूप पानी को उस चीज के आकर में परिवर्तित कर देता है और वह उस चीज के आकार में ढल जाता है, यानि आप अपने जीवन में इतने फ्लेक्सिबल बनिए कि जहाँ भी जाएँ, जिधर भी रहें आप परिस्थितियों और लोगों के अनुसार अपने आप को ढाल सकें, पानी के तरल स्वभाव की तरह, जिस तरह पानी को जिधर भी डालो वह अपने आप को उस दिशा की तरफ मोड़ लेता है और अपना विस्तार कर लेता है, वह एक जगह का होकर नहीं रहता उसी तरह आपका जीवन भी होना चाहिए अपने आप को आप किसी बंधनों में न बांधें और न ही उनमें बंधें, आप ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ जुड़ें, अपने रिश्तों का विस्तार करें और उन रिश्तों को पूरी शिदत्त के साथ निभाएं, जीवन के हर मुकाम पर पानी की तरह तरलता और सरलता हमेशा आपके स्वभाव को हिस्सा हो !

पानी का दुसरा स्वरूप है ठोस यानि की सॉलिड,

पानी जब जम जाता है तो वह अपने तरल रूप से ठोस स्वरूप में परिवर्तित हो जाता है और एक नया ठोस आकार ले लेता है, आपके जीवन में भी पानी का यह स्वरूप होना जरुरी है यानि ठोस रूप भी आपके जीवन का हिस्सा होना चाहिए, जब कभी परिवार, अपने बच्चों की खातिर आपको कठिन और ठोस निर्णय लेने हों तब आप मजबूती के साथ किसी निर्णय पर पहुँच सकें, जब आप किसी कठिन परिस्थिति में, किसी मुश्किल परिस्थिति में होते हैं तब आपको ठोस निर्णय लेने पड़ते हैं जो आपके और आपके परिवार के लिए लाभदायक होते हैं, अगर आप घर के प्रमुख हैं तो तरलता के साथ-साथ आपका ठोस होना भी जरुरी है ताकि आप अपने परिवार को सही दिशा प्रदान कर सकें और जरुरत पड़ने पर कड़े निर्णय ले सकें एक विश्वास के साथ !

पानी का अंतिम स्वरूप है वाष्प यानि वेपर,

पानी का वाष्प स्वरूप हमें यह बताता है की जीवन में हल्के बनें और ऊपर की ओर उठें, जीवन में आप जितने हल्के रहेंगें आपको आगे बढ़ने और ऊपर उठने से कोई नहीं रोक सकता, जिस तरह पानी गर्म होने, और जलाने पर राख होने की बजाए वाष्प का रूप ले ऊपर की ओर उठ जाता है, उसी तरह अपने जीवन में आप भी किसी से जलने और फिर ख़त्म होने की बजाए आपको ऊपर की तरफ और , आगे की ओर बढ़ना चाहिए, किसी से उलझने और जलने की बजाए वाष्प की तरह हल्के हो जाएँ ऊपर की तरफ उठें और सब चीजों को पीछे छोड़ आगे की ओर बढ़ें !   

जी हाँ, पानी के हर स्वरूप को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं पानी का हर स्वरूप आपको कुछ न कुछ सिखाता है !


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