वर्षा ऋतु का वर्णन !

 

वर्षा की रुत और वो बारिश का पानी,

अपनी ही मस्ती, मदमस्त सा बचपन और अलमस्त कहानी,

कागज़ की क़िश्ती और पानी में छप-छप,

मिटटी की खुशबू, न आंखों में पानी,

मुस्कुराती सी बूंदें और हर तरफ बस…..

 पानी ही पानी, पानी ही पानी !

हमारे जीवन में हर ऋतु का महत्त्व है, हर ऋतू हमारे जीवन-चक्र को गति प्रदान करने के लिए अत्यंत जरुरी है, किन्तु वर्षा  ऋतू की अपनी अलग ही एक बात है भरी गर्मी के बाद और तपती धरती को तृप्त करने जब वर्षा की बूंदों का जब धरती पर आगमन होता है तो धरती झूम उठती है, पेड़ों की सूखी शाखाएं हरी-भरी हो उठती हैं मानो जीवन रूपी श्वेत कागज पर प्रकृति ने हर तरह के रंग भर दिये हों, इसलिए वर्षा ऋतू को ऋतुओं की रानी भी कहा गया है !

वर्षा का आगमन सभी के लिए सुखदाई होता है इस ऋतू का प्रारम्भ जून-जुलाई  महीने से प्रारम्भ हो कर सितम्बर माह तक चलता है, भरी गर्मी के बाद वर्षा की बूंदें और बादलों की गर्जना सुकून देती है, वर्षा ऋतू हमारे लिए ढेर सारी खुशियों की बौछारें लेकर आती है भारत में वर्षा ऋतू एक बेहद ही महत्वपूर्ण ऋतू है वर्षा ऋतू आषाढ़, श्रावण तथा भादो मास में मुख्य रूप से होती है !

एक और जहाँ वर्षा ऋतू  का आगमन अपने संग विभिन्न त्योराहों को संजों कर लाता है और साथ ही पुरे वातावरण को ठंडा और मनमोहक भी बनाता है, हम कह सकतें हैं की भारत-वर्ष में त्योहारों की शुरुआत वर्षा ऋतू से ही प्रारम्भ होती है जैसे की तीज, रक्षाबंधन, गणगौर, दिवाली इत्यादि !

वर्षा ऋतू मानव जाती और पृथ्वी के अन्य जीवों के लिए भी बहुत लाभदायक है, वर्षा ऋतू के कई लाभ हैं:

१) किसानों के लिए यह ऋतू वरदान से कम नहीं है जहाँ एक और बारिश  खेतों में जुताई को आसान बना देती है वहीं एक और बोई गई फसलों के लिए भी बरसात जीवनदायनी होती है, बिना पानी के फसलों का और किसान दोनों का भविष्य दांव पर होता है, इसलिए इस ऋतू का किसानों को बेसब्री से इन्तजार रहता है, यह रुत फसलों के लिए और अर्थव्यवस्था के लिए अमृत का काम करती है क्योंकि अच्छी और प्रचुर मात्रा में फसलें खाद्यानों की कमी को पूरा करती हैं और अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करती है !

२) जल स्त्रोतों के लिए भी यह ऋतू बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि साल भर की जल की पूर्ति के लिए वर्षा का होना अत्यधिक आवश्यक है , इस ऋतू में  बाँध, जलाशय इत्यादि लबा-लब भर जातें हैं जो की बिजली के उत्पादन में भी मददगार होते है और साथ ही यह जलाशय पीने के पानी और सिंचाई के पानी की साल भर की जरुरत को पूरा करते हैं !

३) पशु-पक्षियों के लिए यह ऋतू बहुत महत्वपूर्ण है बरसात की वजह से जानवरों को खाने और पानी की कमी पूरी तरह दूर हो जाती है और प्रचुर मात्रा में उन्हें घास व पीने के लिए पानी उपलब्ध रहता है, जिससे उनके दूध देने की क्षमता में भी इजाफा होता है !

४)  वर्षा ऋतू से भू-जल का स्तर बढ़ता है, गर्मी और अत्यधिक तापमान के कारण पृथ्वी का जल वाष्प बनकर उड़ जाता है और मानव द्वारा भूजल का अत्यधिक दोहन करने के कारण पृथ्वी गर्म रहती है और हमें स्वच्छ जल भी पीने को नहीं मिलता, वर्षा ऋतू के आगमन से भू-जल स्तर  में इजाफा होता है और वातावरण के तापमान में भी कमी आती है साथ ही प्रचुर मात्रा में स्वच्छ जल भी हमें प्राप्त होता है !

५) देश की उन्नति और प्रगति में भी यह ऋतू का योगदान है, हमार देश कृषि प्रधान देश है और ७० प्रतिशत से अधिक की आमदनी कृषि से ही होती है और इस ऋतू के आगमन पर अच्छी फ़सल के कारण व्यापार में तेजी देखने को मिलती है और किसान अपनी अच्छी फसलों को बेचकर अधिक मुनाफा कमाते हैं और अपनी जरुरत की नई-नई वस्तुएं खरीदतें हैं जो की देश की प्रगति में मददगार साबित होती है !

इस ऋतू के जहाँ फायदे हैं तो कुछ नुक्सान भी हैं जिनका जिक्र करे बिना वर्षा-ऋतू का वर्णन नहीं किया जा सकता-  कभी कभी अत्यधिक वर्षा से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिसके परिणाम स्वरूप जन-धन की हानि होती है, अत्यधिक वर्षा और जल का जमाव मौसमी बीमारियों को भी जन्म देता है, अत्यधिक वर्षा के कारण भू-कटाव भी हमें देखने को मिलता है लेकिन इसके लिए वर्षा से कहीं अधिक हमारे द्वारा पेड़ों की कटाई और इमारतों की भीड़ इसके लिए जिम्मेदार है, किन्तु अगर हम अपने कर्तव्यों का सही तरीके से निर्वाहन करें और पर्यावरण का ध्यान रखें तो इन नुकसानों को रोका जा सकता है !

उपसंहार:

इस बात में कोई अतिश्योक्ति हीं है की वर्षा ऋतू के आगमन से सम्पूर्ण जीवन में हर्षोल्हास की लहर दौड़ जाती है, वर्षा ऋतू वाकई में पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवों के लिए अमृत का कार्य करती है इसलिए वर्षा ऋतू का सभी रुतों में सबसे ऊँचा स्थान है किन्तु इसके साथ ही हमारा भी फ़र्ज है की हम वर्षा ऋतू में जल का संग्रहण कर वर्षा ऋतू का आदर करें !


वर्षा की रुत अति-मनमोहक, हर तरफ लहलाती फसल है ,

किन्तु पर्यावरण और जल का हो अगर संरक्षण......

तो ही कल है- हर जीवन सफल है  ! 

   




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