पहले बीज बोइये और फिर फलों का आनन्द लीजिए !
बीज बोओगे तभी फल पाओगे !
क्या कभी बिना बीज के भी फल मिलता है ?
हाँ,
बिना बीज के भी फल मिलता है पर उसके लिए आपको किसी का मोहताज होना पड़ता है, किसी के चाहने और न चाहने पर निर्भर होना पड़ता है, अपने पेड़ के फल आपको दिए तो दिए और नहीं दिए तो नहीं यह पूर्णतयाः दूसरे की इच्छा पर निर्भर करता है और अगर दिए भी तो हो सकता है तब आपकी जरुरत ही ख़त्म हो चुकी हो, हो सकता है आप उनके पाने का इंतजार कर थक चुके हों......,
या फिर आप फल न मिलने पर किसी और के हिस्से के फल छीनने का प्रयास करें, उसकी मेहनत, उसके परिश्रम का फल जबरदस्ती हथियाने का प्रयास करें जो की बिलकुल भी न्योचित या न्यायसंगत नहीं है और इस तरह छीने गए फल कभी भी फलदायक नहीं होते और हमेशा-हमेशा के लिए आपको किसी की दया का पात्र बना देता है, आप हमेशा के लिए बैसाखियों पर आ जातें हैं, अपने कदमों, अपने परिश्रम, अपनी ताकत को सदा-सदा के लिए कमजोर कर देतें हैं !
इसलिए.....पहले बीज बोइये और फिर फलों का आनन्द लीजिए !
बीज बोने और फल के मिलने के बीच का जो सफर है वह हमें बहुत कुछ सीखता है,
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